देहरादून/रुद्रप्रयाग/ उत्तरकाशी: हर्षिता ।देशभर में दीपावली की तैयारियां जोरों पर हैं. इसी कड़ी में उत्तराखंड के चारधामों में विशेष तैयारियां की जा रही हैं. दीपावली को लेकर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में मंदिरों को फूलों से सजाया गया है. दीपावली के मौके पर चारोंधामों में सफाई और सजावट का काम पूरा हो चुका है. इस दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. साथ ही प्रसाद वितरण भी किया जाता है.
दीपावली से पहले बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है. दिवाली के दिन बदरीनाथ धाम कुबेर और माता लक्ष्मी की स्पेशल पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन बदरी विशाल के खजाने की पूजा भी की जाती है. बदरी विशाल का खजाना सुख समृद्धि का प्रतीक है. केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि श्री बदरीनाथ धाम 12 हजार दियों से सजाया जाएगा और माता लक्ष्मी को 56 भोग का प्रसाद समर्पित किया जाएगा.
12 क्विंटल फूलों से सजाया गया केदारनाथ धाम: दीपावली पर्व को लेकर केदारनाथ मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है. इस मौके पर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. केदारनाथ धाम में बीकेटीसी, तीर्थ पुरोहितों और हकहकूकधारियों के सहयोग से दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित होगा. यह दीपोत्सव 20 से 23 अक्टूबर तक आयोजित होगा.
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि दीपावली पर्व और केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर को लेकर मंदिर को 12 क्विंटल फूलों से श्रृंगार किया गया है. धाम में पूजा-अर्चना एवं दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. दीपावली पर्व को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के भी निर्देश दिए गए हैं. बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 23 अक्टूबर को बंद हो रहे हैं.
गंगोत्री और यमुना धाम में दीपावली की तैयारियों को लेकर तीर्थ पुरोहित मंदिरों को सजाने में लगे हुए हैं. दीपावली पर्व पर मां गंगा और यमुना की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. जिसके बाद कपाट बंद होने के साथ गंगा और यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखब और खरसाली गांव के लिए आएगी. जिसके बाद छह माह के श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं. गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बातया कि दैनिक पूजा के साथ ही दिपावली पर्व पर मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में दीपक लगाए जाएंगे. धाम में दीपावली धूमधाम से मनाई जाएगी. जिस पर तीर्थ पुरोहित सहित आम श्रद्धालु मंदिर परिसर में भैलू जलाकर दिपवाली का पर्व मनाएंगे. इससे पूर्व मां गंगा के मंदिर को करीब 8 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा. दीपावली के बाद 22 अक्तूबर को छह माह के लिए धाम के कपाट बंद किए जाएंगे. साथ ही गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखब गांव में विराजमान होगी. जिसके बाद मुखबा गांव में छह माह के लिए श्रद्धालु दर्शन करत सकते हैं.
वहीं, यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहित विनय उनियाल ने बताया दिपावली पर्व पर मां यमुना का मंदिर को सजाने की तैयारियां चल रही है. इस दौरान मां लक्ष्मी के साथ ही मां यमुना की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. 23 अक्टूबर को कपाट बंद हो जाएंगे. जिसके बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने भाई शनि महारजा के साथ खरसाली गांव पहुंचेगी. जिसके बाद सभी श्रद्धालु खरसाली गांव में मां यमुना के दर्शन करेंगे.