हरिद्वार,हर्षिता। हरिद्वार के वरि० पत्रकार वेदप्रकाश चौहान, उनके पत्रकार पुत्र संजय चौहान और परिजनों के विरुद्ध पड़ोसी सुषमा विश्नोई ने अपने और अपनी नाबालिग पुत्रियों के साथ मारपीट और गाली गलौच की शिकायत कोतवाली में की थी। जिसमें लैंगिक अपराध या यौन शोषण जैसी कोई बात नहीं लिखी गयी है। बावजूद इसके पुलिस ने 6 अगस्त को बयान दर्ज करवाने के बहाने दुराग्रहपूर्वक और साजिशन वेदप्रकाश चौहान और संजय चौहान को कोतवाली बुलाकर मु०अ० संख्या 669/21 धारा 323, 354, 354, 504, 506 भा.द.वि. व 11/12 पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर दोनो जेल भेज दिया। जिससे पत्रकारों में गहरा रोष है।

अवगत कराना है कि इससे पूर्व दोनों पत्रकारों को पुलिस द्वारा कोतवाली बुलाये जाने की सूचना पर जब प्रेस क्लब हरिद्वार के अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ गोस्वामी, मुकेश वर्मा मुदित अग्रवाल, बालकृष्ण शास्त्री सहित कई वरि० पत्रकार घटना के बारे में जानकारी लेने कोतवाली गये तो कोतवाल और विवेचना अधिकारी ने पत्रकारों साथ भी अभद्रता करते हुए सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी है। ज्ञातव्य है कि लाकडाउन के दौरान पुलिस के साथ पत्रकार वेदप्रकाश चौहान का विवाद हुआ था। तभी से वे पुलिस के टारगेट पर थे। हालिया घटना के बहाने पुलिस ने पत्रकार वेदप्रकाश चौहान और उनके पुत्र के विरुद्ध अपनी भड़ास निकालने के लिए ही पोक्सो एक्ट जैसा झूठा मामला दर्ज कराया गया है जो निहायत निंदनीय और विधि विरुद्ध होने के साथ आदर्श पुलिसिंग के भी खिलाफ है।

नेशनलिस्ट यूनियन मांग करती है पत्रकारों के विरुद्ध सुनियोजित तरीके से साजिश रचकर पोक्सो एक्ट जैसा गंभीर अभियोग पंजीकृत करने के मामले में उच्च स्तरीय जांच करा कर आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही करने की कृपा करें।

उत्तराखंड मीडिया क्लब द्वारा भी पुलिस से मांग की गई कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करा कर बदला खोरी की नीति से पुलिस द्वारा पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज करने की जांच की जाए और दोषी पाए जाने पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए

By DTI