नवीन शर्मा,हरिद्वार।उत्तराखण्ड शासन के आदेश के क्रम में जनपद हरिद्वार एवं देहरादून स्थित कतिपय स्ववित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों द्वारा अनुसूचित जाति (sc ) / जनजाति (st) छात्र/छात्राओं के अपने संस्थानों में फर्जी प्रवेश दर्शाकर फीस प्रतिपूर्ति के रूप में समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की धनराशि का गबन किये जाने से सम्बन्धित प्रकरण की जांच / विवेचना विशेष अन्वेषण दल (S.I.T.) द्वारा सम्पादित की जा रही है। उक्त क्रम में विशेष अन्वेषण दल (S.I.T.) द्वारा जांचोपरान्त जनपद हरिद्वार में 51 तथा जनपद देहरादून में

32 अभियोग स्ववित्तपोषित शैक्षणिक संस्थानों के विरूद्ध पंजीकृत कराये गये। जनपद हरिद्वार में 51 अभियोगों में से 38

तथा जनपद देहरादून में 32 अभियोगों में से 26 अभियोगों में तत्कालीन लोक सेवकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की वृ की गयी। उत्तराखण्ड शासन की अधिसूचना सं0-37 / (1)/7-2021-01(02)2021, दिनांक 27-02-2021 के द्वारा भ्रष्टाचार

निवारण अधिनियम 1988 (अधिनियम संख्या 49 सन् 1988) की धारा 17 के प्रथम परन्तुक के अधीन शक्तियों का प्रयोग

करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस के निरीक्षक पद (नागरिक पुलिस) के अधिकारियों को भी उक्त प्रकरण से सम्बन्धित विवेचनायें सम्पादित करने हेतु प्राधिकृत किया गया है। उक्त अधिसूचना के क्रम में उक्त अभियोगों की विवेचना विशेष अन्वेषण दल हरिद्वार / देहरादून में सम्बद्ध निरीक्षक ना०प० द्वारा सम्पादित की जा रही है।

शैक्षणिक संस्थान OM Santosh Pvt I.T.I. Chak Haraiti, Janta Road, Saharanpur U.P. के विरूद्ध थाना डालनवाला, देहरादून पर पंजीकृत मु०अ०सं0-87 / 2020 की विवेचना संस्थान द्वारा दर्शाये गये अधिकाश छात्रों द्वारा अपने बयानों में संस्थान में कभी भी प्रवेश लेना और न ही छात्रवृत्ति मिलना बताया गया. संस्थान एवं छात्रों के दर्शाये गये बैंक खातों स्टेटमेन्ट के अवलोकन से संस्थान के संचालक अनिल सैनी द्वारा समाज कल्याण विभाग से सांठगांठ कर छात्रों के फर्जी प्रवेश दर्शाकर उनके नाम पर आवंटित छात्रवृत्ति का निजि हित में प्रयोग कर गबन किया जाना पाये जाने पर संस्थान के संचालक अनिल सैनी के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया, अनिल सैनी के विरुद्ध जनपद

हरिद्वार में पंजीकृत 02 अन्य अभियोगों में भी आरोप पत्र प्रेषित किया जा चुका है। उक्त अभियोग में समाज कल्याण विभाग, देहरादून के तत्कालीन लोकसेवकों के विरुक प्रथम दृष्टया अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्ट आचरण किया जाना प्रथम दृष्टया परिलक्षित होने पर भ्रष्टाचार निवारण अधि0 1988 की धारा 13 (1) (डी) 13(2) की वृद्धि की गयी जिसकी विवेचना निरीक्षक ना०पू० नदीम अतहर द्वारा ग्रहण कर विवेचना प्रारम्भ की गयी।

विवेचना में पाया गया गया कि तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, रामअवतार सिंह द्वारा उक्त शैक्षणिक संस्थान के वर्ष 2012-13 में दर्शाये गये अनुसूचित जाति / जनजाति के 40 छात्रों के मांगपत्र के क्रम में छात्रवृत्ति की धनराशि 1452000 / – रूपये सीधे संस्थान के खाते प्रदान की गये, वर्ष 2013-14 में अनुसूचित जनजाति के 30 छात्रों को छात्रवृत्ति की धनराशि 1239000/- रूपये छात्रों के बैंक खातों में दिया जाना दर्शाया गया। विवेचक द्वारा सम्बन्धित बैंक से छात्रों के बैंक स्टेटमेन्ट प्राप्त किये गये तो बैंक द्वारा तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, रामअवतार सिंह द्वारा दिनांक 31-5-2014 को प्रेषित किया गया मत्र उपलब्ध कराया गया, जिसमें रामअवतार सिंह द्वारा छात्रवृत्ति की धनराशि संस्थान के खाते में दिया जाना अंकित किया गया था, जिस कारण बैंक द्वारा छात्रों की छात्रवृत्ति संस्थान के बैंक खाते में स्थानान्तरित कर दी गयी। उक्त रामअवतार सिंह को बैंक द्वारा उपलब्ध कराया गया पत्र दिखाया गया तो उसके द्वारा पत्र अपने हस्ताक्षर होने से इन्कार किया गया। विवेचक द्वारा उक्त रामअवतार सिंह के हस्ताक्षर मिलान हेतु बैंक द्वारा उपलब्ध कराया गया पत्र, रामअवतार के उसी तिथि को हस्ताक्षरित अन्य पत्रों को मिलान हेतु एफ०एस०एल० देहरादून मिलान हेतु प्रेषित किया गया। एफ०एस०एल० द्वारा सभी हस्ताक्षर उक्त अभियुक्त रामअवतार सिंह के होने सम्बन्धी रिपोर्ट प्रेषित की गयी।

इस प्रकार अभियुक्त रामअवतार द्वारा छात्रवृत्ति की समस्त धनराशि संस्थान को सीधे प्रेषित कर दी गयी, जबकि उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश तथा भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुसार छात्रवृत्ति छात्रों के बैंक खातों में दिये जाने का प्रावधान था। विवेचना से प्राप्त समस्त तथ्यों से रामअवतार सिंह, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए भ्रष्ट आचरण कर संस्थान के संचालक से सांठगांठ कर संस्थान को अवैध आर्थिक लाभ पहुंचाये जाने के पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने पर अभियुक्त रामअवतार सिंह को आज दिनांक 14-08-2021 को अभियुक्त के निवास स्थान 34 /3 नालापानी रोड डालनवाला, देहरादून से धारा 420 / 409 / 120बी भादवि तथा धारा 13 ( 1 ) (डी) 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिo 1988 के अपराध में गिरफ्तार किया गया, जिसे मा० न्यायालय में पेश किया जा रहा है।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम

राम अवतार सिंह, तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, देहरादून, हाल निवासी 34/3, नालापानी डालनवाला, देहरादून

पुलिस टीम

1 निरीक्षक / विवेचक नदीम अतहर एस०आई०टी० सदस्य / प्रभारी एस०ओ०जी० देहरादून।

2- उ0नि0 ना०पू० दीपक धारीवाल, एस०ओ०जी० देहरादून।

3 आरक्षी 461ना०पु० ललित, एस०ओ०जी० देहरादून।

4 आरक्षी चालक विपिन राणा, एस०ओ०जी० देहरादून।

By DTI