रिखणीखाल -मज्याडीसैण गाँव,रिखणीखाल प्रखंड का भौगोलिक दृष्टि से अन्तिम भू भाग है।यहाँ के ग्रामीण विगत दस साल से अपने गाँव में सड़क का इन्तजार करते करते थक व ऊब गये हैं।यहाँ सड़क मार्ग की सुविधा न होने के कारण अनेक परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है।बीमारी,गर्भवती महिलाओ,वृद्ध लोगो को अत्यधिक दुश्वारियों का सामना व मुकाबला करने को मजबूर होना पड़ता है।मौलिक संसाधनों के अभाव में गाँव मानव विहीन ,वीरान व खंडहर होते जा रहे हैं।विगत दस सालों से कागजों में व घोषणाओं में तीन स्थानों से गाँव में सड़क आ रही है लेकिन इस बदनसीब गाँव को कहीं से भी छू नहीं पा रही है।इन न छूने वाली सडकों का विवरण निम्नवत है-

1- सुन्दरौली से मज्याडीसैण सड़क निर्माण मार्ग-
इस सड़क की लम्बाई दस किलोमीटर है।इसकी प्रथम चरण की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति 21/12/2011 को मिल गयी थी।उस समय के तत्कालीन मुख्य मंत्री माननीय श्री हरीश रावत जी ने शिलान्यास भी किया था लेकिन उस पर कोई भी धरातलीय व भौतिक कार्य नहीं हो पाया।द्वितीय चरण की वित्तीय स्वीकृति अभी तक शासन में लम्बित व विचाराधीन है,अर्थात ढाक के तीन पात।

2- लेकुली- नाड़-मज्याडीसैण सड़क मार्ग-
इस प्रस्तावित सड़क की लम्बाई व स्वीकृति छः किलोमीटर की है,जबकि मज्याडीसैण गाँव तक पहुँचाने के लिए 8-5 किलोमीटर की आवश्यकता है।प्रारम्भ के पांच किलोमीटर तक सड़क कटान व खुदान का कार्य गतिमान है।इसी प्रकरण में 22/11/2021 को देहरादून रिखणीखाल विकास समिति का एक प्रतिनिधिमंडल उसी गाँव के श्री सुशील चन्द्र जोशी के नेतृत्व में लैसडौन विधायक माननीय महन्त श्री दिलीप सिंह रावत जी से देहरादून में भेंट किया था तथा इस सड़क मार्ग को 2-5 किलोमीटर विस्तारीकरण के लिए अनुरोध किया जिसके प्रत्युत्तर में माननीय विधायक जी ने आश्वस्त किया था कि इसके लिए प्रथम चरण की स्वीकृति के लिए शासन को भेजने तथा आगामी चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले स्वीकृति देने की बात की थी।अब आचार संहिता लगने में कुछ ही दिन शेष रह गये है।देखें ये आश्वासन कब तक अपना मूर्त रूप लेगा।ये प्रश्नवाचक बना है?

3- सिद्धखाल- बीरोखाल सड़क मार्ग से चुरानी- मज्याडीसैण सड़क मार्ग-

उत्तराखंड शासन के 04/08/2021 के शासनादेशानुसार मज्याडीसैण के लिए तीन किलोमीटर सड़क प्रथम चरण की स्वीकृति मिली है,जबकि वास्तविक व धरातलीय आवश्यकता 7-5 किलोमीटर की है।भौगोलिक सर्वेक्षण व संरचना के अनुसार तीन किलोमीटर सड़क चुरानी गाँव तक ही पहुँच पायेगी।
अब कहने को तो इस गाँव के लिए तीन जगहों से सडकों का प्रस्ताव व स्वीकृति है लेकिन इन तीनों जगहों से कहीं से भी किसी भी दिशा से मज्याडीसैण गाँव को छू नहीं पा रही है।ये कैसी योजनायें हैं जो सरकार के गाँव गाँव सड़क से जोड़गे अभियान को पलीता लगा रहे हैं।

क्या सरकार में बैठे नीति नियन्ता इस मज्याडीसैण गाँव को सड़क से जोड़ने का प्रयास करेगें या ऐसे ही घुट घुट कर जीयेगे।सरकार की ऐसी उलट पुलट योजनायें सोचने को मजबूर कर रही हैं।

सुशील चन्द्र जोशी
ग्राम मज्याडीसैण,रिखणीखाल

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