देहरादून । वार्षिक स्थानान्तरण अधिनियम की धारा- में वर्णित प्रावधानों के अनुसार व एवं ख श्रेणी के अधिकारियों को मूल जनपद में तैनात न किये जाने का प्रावधान है, जो कि होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों पर भी लागू है। तथा अनिवार्य वार्षिक स्थानान्तरण में उनको दुर्गम से सुगम या सुगम से दुर्गम में स्थानान्तरित होने पर गृह जनपद में तैनाती नहीं मिलती है।
कई चिकित्सा अधिकारी ऐसे है जो अपने मूल जनपद के चिकित्सालयों में तैनात है तथा स्थानान्तरण होने की दषा में अपने ही जनपद के दुर्गम क्षेत्र के चिकित्सालय में सेवा करना चाहते है लेकिन स्थानान्तरण अधिनियम के प्रवधानों के अनुसार उन्हें अपने मूल जनपद के दुर्गम /सुगम क्षेत्र में सेवा करने का अवसर नहीं मिल पाता है, जबकि ऐलौपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को उनके मूल जनपद में तैनाती मिलती रही है।
चूॅकि होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों के पास किसी तरह का वित्तीय प्रभार भी नही होता है तथा दुर्गम क्षेत्र में चिकित्सकों की कमी लगातार बनी हुई है। यदि कोई चिकित्सा अधिकारी अपने जनपद के दुर्गम/सुगम क्षेत्र मे कार्य करना चाहता है तो इससे उस क्षेत्र की जनता को भी चिकित्सा सेवा का लाभ मिलेगा तथा सरकार पर स्थानान्तरण में होने वाला वित्तीय बोझ भी कम होगा।
अतः महोदय से निवेदन है कि जनहित तथा वित्तीय हित को ध्यान में रखते हुए गृह जनपद के दुर्गम/सुगम क्षेत्र में सेवा करने के इच्छुक चिकित्सा अधिकारियों को उनके मूल जनपद के इच्छित क्षेत्र के दुर्गम/सुगम स्थानों में तैनाती हेतु आवश्यक कार्यवाही करने की कृपा करेंगे।