नैनीताल,डीटी आई न्यूज़।भाजपा में शामिल होते ही भाजपा प्रत्याशी सरिता आर्य के जाति प्रमाण पत्र पर फिर घमासान शुरू हो गया है
शुक्रवार को बागजाला निवासी हरीश चंद ने जिलाधिकारी नैनीताल को संबोधित शिकायती पत्र देकर सरिता का जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की है।
पत्र में कहा गया है कि पांच अगस्त 2008 को तहसीलदार नैनीताल की ओर से जारी सरिता के जाति प्रमाण पत्र में सरिता आर्य पत्नी एनके आर्या निवासी भूमियांधार, तहसील व जिला नैनीताल अंकित है। इसमें जाति अनुसूचित जाति अंकित है। आरोप लगाया कि सरिता आर्य की ओर से गलत सूचना देकर जाति प्रमाण पत्र हासिल किया गया है। सरिता आर्य ने आवेदन में पति के साथ ही माता जीवंती देवी का उल्लेख किया है

जबकि नियमानुसार पिता के नाम का जिक्र करना चाहिए था।
सरिता की मां जीवंती अनुसूचित जाति वर्ग की थी और उनकी शादी कुलदीप सिंह से हुई जो सिख समुदाय से थे। जो सामान्य जाति से आते हैं। सरिता ने जीबी पंत इंटर कालेज भवाली में पढ़ाई के दौरान अपनी जाति सामान्य लिखी है। 2012 में हेम आर्य ने सरिता के जाति प्रमाण पत्र को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी लेकिन जाति प्रमाण पत्र को सक्षम फोरम में चुनौती देने की छूट प्रदान की थी। इधर सरिता आर्य ने शिकायत को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि हाई कोर्ट मामले में स्थिति साफ कर चुका है। विरोधी अपनी हार तय देख साजिश रच रहे हैं, जनता इस तरह की हरकतों का जवाब देगी।


आर्य के जाति प्रमाण पत्र को लेकर की गई शिकायत पर एसडीएम नैनीताल प्रतीक जैन ने जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। एसडीएम ने इस मामले में दोनों पक्षों से अपने दावों के समर्थन में साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है।

By DTI