बिहार में जारी राजनीतिक अटकलों के बीच आज जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता के विधायकों और सांसदों की अलग-अलग बैठक होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ अहम निर्णय लिए जा सकते हैं. बीते कुछ दिनों से बिहार में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के बीच गठबंधन के टूटने की आशंका है. समझा जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुछ मुद्दों पर नाराज हैं. वहीं हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने दावा किया कि एनडीए यानी गठबंधन में सब कुछ ठीक है और कुछ मुद्दों को लेकर नाराजगी है जिन्हें दूर कर लिया जाएगा.
इसके अलावा कांग्रेस ने कहा है कि अगर ऐसी कोई परिस्थिति पैदा होती है तो वह समर्थन देने को तैयार है. कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि वह निजी तौर पर सीएम नीतीश कुमार को पसंद करते हैं. बता दें सूत्रों ने यह दावा भी किया था कि सीएम नीतीश कुमार ने बीते दिनों कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की थी.
दूसरी ओर वाम दलों ने सोमवार को कहा कि बीजेपी को छोड़कर यदि सत्ता में आने के लिए कोई गठबंधन बनता है तो वे उसका स्वागत करेंगे. बिहार में 12 विधायकों वाले सबसे बड़े वाम दल भाकपा-माले ने कहा कि यदि जदयू बीजेपी का साथ छोड़कर नए गठबंधन से जुड़ता है तो वह ‘‘मदद का हाथ बढ़ाएगा.’’
दूसरी ओर वाम दलों ने सोमवार को कहा कि बीजेपी को छोड़कर यदि सत्ता में आने के लिए कोई गठबंधन बनता है तो वे उसका स्वागत करेंगे. बिहार में 12 विधायकों वाले सबसे बड़े वाम दल भाकपा-माले ने कहा कि यदि जदयू बीजेपी का साथ छोड़कर नए गठबंधन से जुड़ता है तो वह ‘‘मदद का हाथ बढ़ाएगा.’’
वहीं उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान ने टिप्पणी बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम पर टिप्पणी की है. अब्दुल्ला ने ट्वीट किया- ‘बिहार में अगर सत्ता परिवर्तन होता है तो गठबंधन को श्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, ये एक लम्बी लड़ाई है और इसे जीतने के लिए अगर किसी को एक कदम पीछे भी हटना पड़े तो इस क़ुर्बानी से पीछे ना हटे.’
नीति आयोग की बैठक से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूर रहने तथा केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने की उनकी पार्टी JDU की रविवार की घोषणा के बाद दोनों दलों (BJP एवं JDU) के संबंधों में तनाव आ गया है. इससे पहले जातीय जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण, अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना पर दोनों दलों की राय भिन्न रही है.