नई दिल्ली,डी टी आई न्यूज़।24 सालों के बाद कांग्रेस को गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बड़ी जीत हासिल करते हुए 7,897 वोट हासिल किए हैं, जबकि शशि थरूर को 1,072 वोट मिले। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खड़गे की जीत से पार्टी में नई ताकत आने की उम्मीद है, लेकिन भले ही खड़गे को भारी मतों से जीत मिली हो, लेकिन आने वाले कुछ ही महीनों में उनके सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। ये दो चुनौतियां हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव हैं। पिछले दिनों चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव का ऐलान कर दिया है, जबकि आने वाले कुछ दिनों में गुजरात में भी चुनावी बिगुल बजने की उम्मीद है। दोनों ही चुनावों में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की वजह से राहुल गांधी की वहां पर मौजूदगी की भी उम्मीद काफी कम है।
हिमाचल और गुजरात, दोनों जगह होने वाला चुनाव मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पहली बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। गुजरात में पिछले कई सालों से बीजेपी की सरकार है, तो वहीं हिमाचल में भी बीजेपी का कब्जा है। दोनों ही जगह कांग्रेस को जीत दिलावाना खड़गे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हिमाचल प्रदेश की सभी 68 सीटों पर सिंगल फेज में 12 नवंबर को मतदान होंगे, जबकि काउंटिंग 8 दिसंबर को है।
दोनों ही राज्यों में तीन मुख्य पार्टियां चुनावी मैदान में है, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी है। पंजाब चुनाव के बाद उत्साहित दिख रही आम आदमी पार्टी दोनों ही राज्यों में कांग्रेस के लिए मुसीबत लेकर आई है। तेजतर्रार तरीके से चुनाव प्रचार में लगी हुई है। केजरीवाल लगातार गुजरात के दौरे कर रहे हैं और पार्टी की जीत के दावे कर रहे। ऐसे में कांग्रेस के नए अध्यक्ष खड़गे के सामने न सिर्फ बीजेपी को पराजित करना चुनौती होगी, बल्कि उनके सामने आम आदमी पार्टी से निपटना भी किसी चुनौती से कम नहीं होगा।