नई दिल्ली,डी टी आई न्यूज़।यह कहा जाता है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सदन में अनुशासन को लेकर बहुत सख्त हैं। इसकी बानगी भी बुधवार को देखने को मिली। जब ओम बिरला ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को सहयोगियों से बातचीत करने पर टोका और बातचीत न करने की चेतावनी दी।
दरअसल, सोनिया गांधी बुधवार को देर से सदन में आई थीं। आते ही गांधी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई से बात करने लगीं, जो भारत-चीन मुद्दे पर चर्चा में भाग लेना चाह रहे थे। तभी ओम बिरला की नजर उन पर पड़ गई। सोनिया गांधी की तरफ इशारा करते हुए स्पीकर ने तब कहा कि मीटिंग करने का आपका अधिकार है लेकिन यहां नहीं, सदन के बाहर । स्पीकर ने कहा, “कृपया यहां मीटिंग न करें। “
इस वाकये के थोड़ी ही देर बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। यह विपक्षी दलों की एकता का दुर्लभ नमूना था, जब 18 विपक्षी दलों ने एकसाथ सदन का बहिष्कार किया।
दरअसल, लोकसभा में विपक्ष ने 9 दिसंबर को हुई भारत-चीन सीमा झड़प पर चर्चा करने की अपनी मांग को पूरा नहीं करने पर बुधवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 18 दलों का नेतृत्व करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया था। कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, MDMK, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), CPI, जनता दल यूनाइटेड, DMK, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी ने भी शून्यकाल के दौरान सदन से वॉकआउट किया।
दरअसल, लोकसभा में विपक्ष ने 9 दिसंबर को हुई भारत-चीन सीमा झड़प पर चर्चा करने की अपनी मांग को पूरा नहीं करने पर बुधवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने 18 दलों का नेतृत्व करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया था। कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय जनता दल, आम आदमी पार्टी, MDMK, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), CPI, जनता दल यूनाइटेड, DMK, तृणमूल कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी ने भी शून्यकाल के दौरान सदन से वॉकआउट किया।