DTI.NEWS,Second Sawan Somwar इस साल सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई को है. सावन मास का दूसरा सोमवार कई मायनों में खास है. इस दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. सावन के दूसरे सोमवार को श्रावण अमावस्या है. इस अमावस्या को सावन की हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन सोमवार होने के कारण यह सोमवती अमावस्या है. इसके अलावा रुद्राभिषेक के लिए शिववास भी है. इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र है. मान्यता है कि सोमवती अमावस्या को स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. आइए जानते है सावन के दूसरे सोमवार से जुड़ी पूजा विधि, व्रत नियम और पूरी डिटेल्स ।
सावन मास की दूसरी सोमवारी बेहद
कल सावन मास की दूसरी सोमवारी है. शुभ और दुर्लभ संयोग के कारण 17 जुलाई की तारीख बेहद महत्वपूर्ण होने वाली है. इस दिन पितृ दोष, कालसर्प दोष और शनि दोष आदि कर्मकांडों को पूरा करके दूर किए जा सकते हैं. इसके साथ ही अमावस्या के उपलक्ष्य में पितरों का तर्पण करके उनकी आत्मा को शांति दिलाई जा सकती है..
सावन सोमवार में शिव पूजा शाम को प्रदोष काल में की जाए तो शीघ्र फल मिलता है. इस दौरान कुछ विशेष सामग्री का इस्तेमाल करना चाहिए. शिव जी को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, गाय का दूध, गंगाजल, भस्म, अक्षत, फूल, फल, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. सावन सोमवार व्रत कथा का पाठ करते हैं. शिव चालीसा, शिव रक्षा स्तोत्र पढ़ते हैं. शिव मंत्रों का जाप करें. आरती करें और जरुरतमंदों को वस्त्र, अनाज, तिल, गुड़, चांदी, रुद्राक्ष आदि का दान करें.।
सावन का दूसरा सोमवार 2023 पूजा
- सूर्योदय से पूर्व स्नान कर उस स्थान पर गंगाजल छिड़कें, जहां पर शिवलिंग की पूजा करेंगे.
इसके बाद सोमवार व्रत का संकल्प लेकर भोलेनाथ का अभिषेक शुरू करें.
शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, रोली, मौली, चावल, चीनी, सफेद चंदन, सफेद आंक के फूल, भांग, धतूरा, बेलपत्र, चमेली के फूल, मिठाई, फल, तिल आदि अर्पित करें.
- इसके बाद देवी पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. धूप, दीप, भोग लगाकर सोमवार व्रत की कथा पढ़ें.
अभिषेक करते हुए महामृत्युंजय का जाप करना शुभ माना गया
है. इसके साथ ही शिव चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं.
Updated at: 16th Jul, 2023 at 12:20 PM
जानें सावन सोमवार पूजा विधि
- स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें.
- फिर सावन सोमवार व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें.
फिर सावन सोमवार व्रत और शिव पूजा का संकल्प करें.
शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में या फिर घर पर ही शिवलिंग की विधि विधान से पूजा करें.
- सबसे पहले गंगाजल से शिव जी का जलाभिषेक करें.
फिर गाय के दूध से अभिषेक करें.
- शिव जी को शहद, शक्कर, फल, मिठाई चढ़ाएं.