हल्द्वानी,दिनेश गुप्ता । पिथौरागढ़ में कोविड-19 समय में ऑनलाइन शिक्षण के विषय में एक वेबीनार आयोजित किया गया। यह वेबीनार विजडम नर्सरी एंड स्कूल के द्वारा आयोजित किया गया। वेबीनार में श्रीमती बिना दत्त, संस्थापक विजडम नर्सरी और स्कूल और डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, मनोचिकित्सक विभागाध्यक्ष बलरामपुर अस्पताल लखनऊ पैनल मेंबर्स के रूप में शामिल थे।

वेबीनार के दौरान निधि श्री ने वेबीनार का संचालन किया। श्रीमती बीना दत्त ने पारंपरिक क्लासरूम शिक्षा प्रणाली और ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली के बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पारंपरिक क्लासरूम शिक्षा प्रणाली का कोई विकल्प नहीं है। जब एक बच्चा अपना घर, माता पिता और भाई बहनों को छोड़कर एक स्कूल में पहुंचता है तो वह सिर्फ शब्द ज्ञान लेने के अलावा समाज में अनजान लोगों के साथ संबंध स्थापित करने की कला को भी सीखता है। उन्होंने बताया की जब बच्चा स्कूल जाता है तो वह दूसरे बच्चों के साथ तालमेल बनाना उनके साथ चीजें साझा करना और एक दूसरे की देखभाल करना जैसी चीजों को भी सीखता है।

यह सब ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में संभव नहीं है। श्रीमती बीना दत्त बताया की वर्तमान वैश्विक महामारी के दौरान बच्चों को शिक्षा देने के लिए सभी को ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पर ही आश्रित रहना पड़ रहा है। उन्होंने ऑनलाइन प्रणाली में बच्चों को पढ़ाने में आने वाली मुश्किलों के बारे में भी चर्चा की। जब बच्चा घर में रहता है तो उसका ध्यान इधर-उधर भटकता रहता है ऐसी स्थिति में ऑनलाइन माध्यम से दिए गए लेसन प्लान इत्यादि को बच्चे को समझाने की जिम्मेदारी काफी हद तक माता पिता की भी हो जाती है।

उन्होंने बताया कि किस तरह टीचरों, बच्चों और माता पिता ने अपने आप को zoom क्लासेस से familiar किया और शिक्षण की क्रिया को ऑनलाइन माध्यम के लिए adapt किया।
कार्यक्रम में मनोचिकित्सक श्री प्रवीण कुमार श्रीवास्तव भी शामिल थे। उन्होंने कोरोना काल में बच्चों के लगातार घर में बंद रहने की वजह से होने वाले मनोवैज्ञानिक बदलावों पर चर्चा की और सभी गार्जियंस को यह बताया की ऐसे समय में उन्हें किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने सुझाया कि बच्चों को मोबाइल इत्यादि का सीमित प्रयोग करना चाहिए और बच्चों से पहले माता-पिता को अपने आप को मोबाइल और टीवी इत्यादि से दूरी बनानी चाहिए ताकि बच्चा भी उनको देखकर सीख सकें। उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे समय में माता-पिता को बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताना चाहिए तथा कोशिश करनी चाहिए कि जहां तक संभव हो बच्चों को बाहर खेलने कूदने की सुविधा दी जाए। उन्होंने बताया कि अपनी संगी साथियों और परिवार के बाहर के लोगों से ना मिल पाने की वजह से बच्चे अंतर्मुखी होते जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह एक गंभीर समस्या है और हम सभी को इस बात का ध्यान देना चाहिए कि बच्चे अपने आप को अकेला ना महसूस करें।
कार्यक्रम के दौरान विजडम नर्सरी एंड स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती निशा जोशी ने माता पिता और टीचरों की समस्या और उनके सवालों को एकत्रित किया और पैनल के सदस्यों से उसके बारे में चर्चा की।

श्रीमती निशा जोशी ने कई प्रासंगिक प्रश्न पूछे जिससे सभी श्रोताओं को बहुत लाभ हुआ।
सबसे आखिर में निधि श्री ने वेबीनार में शामिल होने वाले सभी लोगों का और पैनल मेंबर्स का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि यह चुनौती भरा समय है और इस समय में हम सब को साथ में मिलकर अपने बच्चों के भविष्य को सुधारने का भरसक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया की इस तरह के वेबीनार की कोशिश भविष्य में भी करी जाएगी ताकि पिथौरागढ़ वासियों को अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों से जुड़ने और उनकी बात सुनने का मौका मिलता रहे।

By DTI