नई दिल्ली, डी टी आई न्यूज़।निर्मला सीतारमण देश की पहली महिला वित्त मंत्री नहीं हैं। उनके पहले इंदिरा गांधी भी वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल चुकी हैं। उन्होंने 1970-71 का केंद्रीय बजट पेश किया था। तब वह प्रधानमंत्री भी थीं। मोरारजी देसाई के इस्तीफे के बाद उन्होंने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभाला था। एक साल बाद उन्होंने इसका कामकाज तत्कालीन गृह मंत्री यशवंत राव चव्हाण को दिया था।
इंदिरा गांधी का बजट भाषण बहुत लोकप्रिय हुआ था। इसी बजट में उन्होंने गरीबी हटाने से जुड़ी कई योजनाओं का एलान किया था। ये कार्यक्रम उनके ‘गरीबी हटाओ’ नारे की तर्ज पर थे। उन्होंने बजट पेश करते हुए खूब मसखरी भी की थी। तब उन्होंने मुस्कुराते हुए सिगरेट पीने वालों पर टैक्स का बोझ डालकर उनसे माफी मांगी थी। बजट पेश करने वाली वह पहली महिला थीं।
यह बजट कई मायनों में अहम था। उस वक्त राजनीतिक उठापटक जोरों पर थी। 1969 में मोरारजी देसाई ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद इंदिरा ने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। इसके चलते वह देश की पहली महिला वित्त मंत्री बन गई थीं। उन्होंने 1970 में केंद्रीय बजट पेश किया था। एक साल तक उनके पास वित्त मंत्री का अतिरिक्त पोर्टफोलियो था। इसके बाद उन्होंने अपने गृह मंत्री यशवंत चव्हाण को यह जिम्मेदारी सौंपी थी।
1970-71 के बजट भाषण में इंदिरा गांधी ने सिगरेट पीने वालों की जेब छूने के लिए माफी मांगी थी। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था कि उन्हें खेद है कि वह धूम्रपान करने वाले की जेब को एक बार फिर से छूने को मजबूर हैं।
इंदिरा गांधी ने तब सिगरेट पर ड्यूटी को बढ़ाया था। इसमें 3 फीसदी से लेकर 22 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई थी। वह बोली थीं कि इस कदम से सिगरेट की सस्ती किस्मों में 10 सिगरेट वाले पैकेट में केवल एक या दो पैसे की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा था, ‘यह मानते हुए कि धूम्रपान करने वाला वर्ग अपनी भक्ति में दृढ़ रहता है। ऐसे में इस उपाय से 13.50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व आएगा।