चंड़ीगढ़,डीटीआई न्यूज़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से कोविड के हालात में मदद की अपील किए जाने पर सेना की पश्चिमी कमान ने सोमवार को पंजाब को हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। इसमें मेडिकल स्टाफ और चिकित्सीय अनुभव वाले योद्धा, पंजाब के अस्पतालों की कमी और राज्य के पुराने ऑक्सीजन प्लांटों को मौजूदा संकट के दौरान पुनर्जीवित करने संबंधी सहयोग शामिल है।
पश्चिमी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह ने मुख्यमंत्री और अन्य सीनियर कमांडिंग अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक में सीएसआईआर की ओर से राज्य सरकार को मुहैया कराई गई इमारत में प्रस्तावित 100 बिस्तर वाले कोविड सुविधा केंद्र को चलाने के लिए स्टाफ मुहैया कराने की भी पेशकश की।
बाद में मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ अन्य समीक्षा बैठक में कहा कि सरकार ने बीएसएफ के जरिये आईसीयू बिस्तर और स्टाफ मुहैया कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से भी कहा है। इससे पहले वर्चुअल बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने मुख्यमंत्री से कमांड सेंटर की ओर से टेक्निकल और स्पेशलिस्ट मुहैया कराने की भी पेशकश की। उन्होंने बताया कि 15 प्रशिक्षित नर्सों को पटियाला में सिविल स्टाफ की मदद के लिए पहले ही भेजा जा चुका है। इसके अलावा बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों को पुनर्जीवित करने के लिए विशेषज्ञों को प्लांट स्थलों पर भेजा जाएगा, ताकि वे प्लांटों की मौजूदा स्थिति और उन्हें चालू करने के लिए संसाधनों का खाका तैयार करें।
हालांकि उनके स्रोतों पर दिल्ली, हरियाणा, जम्मू व कश्मीर समेत अन्य राज्यों की जरूरतों का भी दबाव है, सेना के अधिकारी ने कहा कि वे मौजूदा हालात से निपटने में पंजाब की हरसंभव मदद करेंगे। अकेले लुधियाना में सोमवार को 1300 से अधिक केस आए हैं और केंद्र की तरफ से केवल 105 टन ऑक्सीजन ही अलॉट की गई है, जबकि जरूरत 300 टन प्रतिदिन की है। इन 105 टन में से भी पंजाब को केवल 85 टन ऑक्सीजन ही मिल रही है और बाकी 20 टन ऑक्सीजन पीजीआई चंडीगढ़ को दी जा रही है।
सबसे ज्यादा किल्लत झेल रहे जालंधर और अमृतसर
मुख्यमंत्री ने आंतरिक समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य सरकार मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। बैठक में उद्योग सचिव आलोक शेखर ने मुख्यमंत्री को बताया कि जालंधर और अमृतसर बीते कुछ दिनों से ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा किल्लत झेल रहे हैं, हालांकि बाकी इलाकों में सरकार इस जरूरत की स्थिति को काफी हद तक संभाल रही है।
पंजाब में सिर्फ 1.76 कोवीशील्ड व 22000 कोवैक्सीन का स्टॉक
मुख्यमंत्री ने वैक्सीन आपूर्ति के लिए स्वास्थ्य विभाग को केंद्र सरकार से संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए क्योंकि राज्य में वर्तमान में केवल 1.76 लाख कोवीशील्ड और 22000 कोवैक्सीन डोज का ही स्टॉक मौजूद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लॉकडाउन का प्रस्ताव नहीं दे रहे, क्योंकि इससे पलायन और आर्थिक संकट बढ़ता है। उन्होंने साफ किया कि बढ़ते संकट से निपटने के लिए अन्य कदम उठाए जा रहे हैं। पंजाब में रविवार को 7000 केस दर्ज किए गए, जो अत्यधिक खतरनाक हालात को दर्शाते हैं, खासकर दक्षिणी पंजाब में जहां पड़ोसी राज्यों में कोविड केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है।