( परविन्दर कौर) कुंवर विजय प्रताप एक बेहद ईमानदार ऑफिसर पर अपनी इसी इमानदारी के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया और इसका कारण बने एचएस फुल्का एवं अतुल नंदा कुछ दिन पहले कैप्टन के बड़े मंत्रियों ने कहा था कि यदि वे बेअदबी के मामले को सिरे नहीं लगाया तो लोग हमें अपने गांव में घुसने नहीं देंगे अब उसके बाद कुंवर विजय प्रताप का बड़ा बयान सामने आया है

कुंवर विजय प्रताप ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस दिन बेअदबी व गोलीकांड की तारीख होती थी, अतुल नंदा मेडिकल लीव पर चले जाते थे। सरकार के आदेश थे कि इस केस की पेशी पर एडवोकेट जनरल खुद पेश होंगे लेकिन दुख की बात है कि वह तारीख पर नहीं जाते थे। जिस दिन केस डिसमिस हुआ उस दिन भी अतुल नंदा मेडिकल लीव पर चले गए। कुंवर ने कहा कि उनहोंने बार बार कैप्टन व सरकार को आगाह किया कि लीगल टीम सही वर्क नहीं कर रही है। केस को जानबूझकर खराब किया जा रहा है। सरकारी वकीलों ने उलटा काफी टार्चर किया। और समझ में यह नहीं आ रहा था कि वह दोषियों को बचाना चाहते हैं या सजा दिलवाना चाहते हैं
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील फुल्का को भी कहा था कि वह केस में आकर खुद पेश हो, उनहोंने साफ कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट से नीचे पेश नहीं होगे। उनहोेंने एक वकील की जिम्मेदारी लगा दी, जो उलटा दोषियों की भाषा बोलने लगे। अगर फुल्का इस केस में आकर खड़े हो जाते तो कई तथ्य थे, ​जिन पर बहस हो सकती थी। मेरे इस्तीफे का जिम्मेदार ही एचएस फूल्का है। कुंवर ने फूल्का को आगाह किया कि वह ज्यादा न बोले, वर्ना मेरे पर काफी कुछ बोलने के लिए काफी कुछ है। फूल्का का एटीट्यूड था कि मैं सुप्रीम कोर्ट से नीचे पेश नहीं होता, इस केस को ले बैठा विजय प्रताप ने कहा कि मुझे मेरे अंदर से मेरे परमात्मा की आवाज आई कि अब यह विभाग मेरे लायक नहीं है और यह विभाग मुझे छोड़ देना चाहिए।

वही दूसरी तरफ कोटकपूरा गोलीकांड मामले की जांच में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों के बारे में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पंजाब सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कुंवर विजय प्रताप सिंह को एसआइटी से हटाने या केस की जांच रद करने के फैसले को चुनौती देने के लिए तैयारी की जा रही है।

कैप्टन ने कहा कि इस अधिकारी और उसकी टीम ने कोटकपूरा मामले की जांच के काम को तेजी से आगे बढ़ाते हुए शानदार काम किया है। जिसे रोकने के लिए पिछले चार वर्ष में अकालियों ने पूरी कोशिश की वहीं इस केस में श्रद्धालुओं को अब तक उम्मीद थी कि इंसाफ मिल जाएगा पर जब इंसाफ मिलने की घड़ी आई तो इंसाफ तो इस केस में नहीं मिला पर एक ईमानदार ऑफिसर को अपना इस्तीफा देना पड़ गया और वही देखने वाली बात अब यह होगी कि क्या पंजाब सरकार 2022 के चुनाव से पहले इस केस की कार्रवाई पूरी कर पाती है और दोषियों को सजा दिला पाती है पर वही अब हम कह सकते हैं कि जब कुंवर विजय प्रताप जैसे ईमानदार ऑफिसर अपने पद से इस्तीफा दे दें तो फिर इंसाफ की उम्मीद अब नहीं की जा सकती

By DTI