देहरादून,डीटी आई न्यूज़।
पुष्कर सिंह धामी सरकार उत्तराखंड में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर सकती है. सरकार ने जो विशेषज्ञ समिति गठित की थी, उसने अपना ड्राफ्ट तैयार कर लिया है.
केंद्र सरकार मॉनसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड का बिल पेश कर सकती है. वहीं उत्तराखंड ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की रूपरेखा तैयार कर लिया है. उम्मीद है कि अगले हफ्ते UCC के लिए गठित विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट धामी सरकार को सौंप देगी. रिपोर्ट राज्य कैबिनेट के पास जाएगी, फिर कैबिनेट फैसला करेगी कि रिपोर्ट राज्य विधानमंडल में पेश किया जाए या नहीं.
समिति की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हमने सभी तबकों और वर्गों जैसे एलजीबीटी, आदिवासी, महिलाएं, दिव्यांग, विशेषज्ञ डॉक्टर्स, जेनेटिक एक्सपर्ट्स, सभी से विवाह की उम्र, कम उम्र में संतान उत्पत्ति जैसे कई संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा की है और उसे रिपोर्ट में शामिल किया है. विशेषज्ञ समिति ने मुस्लिम देशों में प्रचलित स्थापित कानूनों का भी अध्ययन किया है.
मजबूत होगा समाज का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना
रंजना देसाई ने कहा कि समिति की सिफारिशें लागू होने पर महिलाएं सशक्त होंगी, समाज का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा. देसाई ने कहा कि पैनल ने सभी तरह की राय को ध्यान में रखते हुए, चुनिंदा देशों में वैधानिक ढांचे समेत विभिन्न कानूनों और असंहिताबद्ध कानूनों को देखते हुए कोड का मसौदा तैयार किया है.
मुस्लिम देशों के कानूनों का भी अध्ययन किया
रिटायर्ड जस्टिस ने मीडिया से कहा, “हमारा फोकस महिलाओं, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों को ध्यान में रखते हुए लैंगिक समानता सुनिश्चित करने पर है. हमने मनमानी और भेदभाव को खत्म करके सभी को समान स्तर पर लाने की कोशिश की है. ।
उन्होंने कहा कि समिति ने मुस्लिम राष्ट्रों सहित विभिन्न देशों में मौजूदा कानूनों का अध्ययन किया है. उन्होंने कहा, हमने सब कुछ देखा है, पर्सनल कानूनों का अध्ययन किया है. हमने विधि आयोग की रिपोर्ट का भी अध्ययन किया है. अगर आप हमारा मसौदा पढ़ेंगे तो आपको लगेगा कि समिति ने हर चीज पर विचार किया है.
रिपोर्ट में ये मुद्दे हो सकते हैं शामिल
- विवाह की उम्र में बदलाव
- विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने की अनिवार्यता
- सहमति से सेक्स के लिए उम्र की सीमा
- लिव इन रिलेशनशिप और इस रिश्ते से जन्मे बच्चे के लिए नियम
- कानून न तोड़ने वाली जनजातीय प्रथाओं, रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप न करने पर विचार ।