हल्द्वानी से डी टीआई न्यूज़। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के पीछे देशभर के तमाम वैज्ञानिक के साथ हल्द्वानी की स्पेस साइंटिस्ट प्राची बिष्ट का योगदान भी शामिल रहा। बचपन से स्पेस साइंटिस्ट बनने का सपना देखने वाली प्राची बिष्ट 2019 में इसरो को ज्वाइन कर चन्द्रयान- 3 अभियान का हिस्सा बनीं। इस मिशन में वैज्ञानिक प्राची की कंट्रोल यूनिट का बड़ा योगदान रहा।
प्राची ने अपनी टीम के साथ कंट्रोल यूनिट में चन्द्रयान-3 के लिए डेटा कलेक्शन के साथ ही उसके कमांड में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मूलरूप से हल्द्वानी के गौलापार स्थित चोरगलिया के गोविंदपुर गांव निवासी प्राची बिष्ट ने इसरो में स्पेस साइंटिस्ट बनकर अपना सपना पूरा किया। गोविंदपुर निवासी प्राची के पिता खड़क सिंह भार नौसेना से सेवानिवृत्त हैं।
उनकी मां तुलसी बिष्ट गृहणी है। उनका एक छोटा भाई ने उड़िसा से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की है। प्राची बिष्ट के पिता खड़क सिंह ने बताया कि गुरुवार को सुबह जब प्राची से बात हुई तो उनकी आवाज से ही उनकी खुशी जाहिर हो रही थी। प्राची ने सबसे पहले मुझसे कहा पापा हमने कर दिखाया, इसरो फैमली कामयाब हुई। यह हमारे देश व इसरो फैमली के लिए बहुत बड़ा अचीवमेंट है।
सेंट थेरेसा हल्द्वानी से की प्राची ने इंटर की पढ़ाई ।
प्राची के पिता खड़क सिंह ने बताया कि उनके भारतीय नौसेना में रहते हुए प्राची ने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई केरला में की। उसके बाद 2011 में उनका परिवार हल्द्वानी आ गया। जिसके बाद से वह अपने चोरगलिया स्थित गोविंदपुर गांव में रह रहे हैं। प्राची व उनके भाई ने सेंट थेरेसा स्कूल हल्द्वानी में अपनी इंटर तक पढ़ाई पूरी की। यहीं से प्राची के वैज्ञानिक बनने के सपने को पंख लगे। जिसके बाद प्राची ने जेईईई की तैयारी शुरू की।
प्राची ने आईआईएसटी तिरुवनंतपुरम से की पढ़ाई
पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने वाली प्राची ने इंटरमीडिएट के बाद जेईईई एडवास में क्वालीफाई किया। जिसके बाद उनका चयन तिरुवनंतपुरम के आईआईएसटी (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी) में हुआ। जहां उन्होंने अपनी स्पेस साइंटिस्ट बनने की पढ़ाई पूरी की। सितंबर 2019 में प्राची की इसरो के बंगलौर स्थित केंद्र में नियुक्ति हुई ।जिसके बाद से ही वह चन्द्रयान-3 मिशन के लिए कार्य कर रही है।
वह चन्द्रयान-2 मिशन की कंट्रोल यूनिट में तैनात रही। प्राची के पिता ने बताया कि चंद्रयान- 3 अभियान के दौरान प्राची ने दिन-रात डाटा पर नजर रखने का कार्य किया। इस दौरान उनकी टीम ने चन्द्रयान को कंट्रोल करने का भी काम किया। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद प्राची की जिम्मेदारी अब और भी बढ़ गई है।