हरिद्वार,हर्षिता। सिडकुल क्षेत्र में 2020 से गोल्डन फार्मा नाम से दवा कंपनी चल रही थी। औषधि विभाग की जांच में दवाइयां अधोमानक (सब स्टैंडर्ड) आने पर बीते साल दिसंबर में फर्म का लाइसेंस रद कर दिया गया था। सीजेएम कोर्ट में वाद भी दायर कराया गया था। बावजूद फर्म के मालिक और सहयोगी पुरानी चाल चलते रहे। विभाग की आंख में धूल झोंक बगैर लाइसेंस दवाइयों का निर्माण बदस्तूर जारी रहा।

हैरत की बात यह कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले फर्म मालिक के सहयोगियों के पास दवा निर्माण से संबंधित डिग्री भी नहीं थी। फर्म मालिक कटिहार बिहार निवासी राजेश कुमार भगत बीकाम पास हैं। वहीं, हिरासत में लिए गए उनके दो सहयोगी दसवीं और बारहवीं पास हैं। जबकि, दवा निर्माण आदि के लिए बीएससी केमिस्ट्री, बी.फार्मा, एम. फार्मा आदि डिग्री की अनिवार्यता है।

By DTI