हरिद्वार,डीटी आई न्यूज़।एलोपैथी को लेकर दिए विवादित बयान को वापस लेने के बाद रामदेव ने एक बार फिर इस चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठाए हैं। बाबा रामदेव ने सोमवार को इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) और फार्मा कंपनियों को खुला खत लिखर 25 सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा कि एलौपैथी सर्वशक्तिमान और सर्वगुण संपन्न है तो फिर एलोपैथी के डॉक्टर तो बीमार नहीं होने चाहिए।बाबा रामदेव ने बीपी, टाइप-1,टाइप-2 डायबिटीज, थायराइड जैसी कई बीमारियों को लेकर सवाल पूछा कि क्या उनके पास इनका स्थायी समाधान है।

बाबा रामदेव ने कहा पूछा कि एलोपैथी के पास फैटी लिवर, लीवर सिरोसिस, हेपटाइटिस को क्योर करने के लिए मेडिसिन क्या है? फार्मा इंडस्ट्री में हार्ट के ब्लॉकेज को रिवर्स करने का उपाय क्या है, बिना बाईपास, बिना ऑपरेशन के और इंजोप्लास्टि के स्थायी समाधान क्या है? क्या फार्मा इंडस्ट्री के पास सिरदर्द और माइग्रेन का कोई स्थायी समाधान है? जिसके बार-बार सिरदर्द और माईग्रेन न हो। एक बार दवा खाएं और स्थायी सिरदर्द, माईग्रेन बंद हो जाए। फार्मा इंडस्ट्री में आंखों का चश्मा उतारने का और हीयरिंग ऐड हट जाए, इसका कोई निर्दोष इलाज बता दें? पायरिया होने पर, जिससे कि दांत हिलने बंद हो जाए, मसूड़े मजबूत हो जाए, ऐसी कोई निर्दोष दवाई बताएं? जिससे करोड़ों लोग दुखी हैं।

रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र को ट्वीट करते हुए कहा, ”माननीय श्री डॉ. हर्षवर्धन जी, आपका पत्र प्राप्त हुआ। उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापस लेता हूं और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं।” योग गुरु ने पत्र में आगे कहा है कि यदि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान ने चेचक, पोलियो एवं टीबी आदि गंभीर रोगों का इलाज खोजा है तो योग, आयुर्वेद आदि द्वारा हमने बीपी, शुगर, थायराइड, अर्थराइटिस, लिवर आदि का स्थाई समाधान दिया है। हमने भी आयुर्वेद एवं योग के प्रयोग से करोड़ों लोगों की जान बचाई है, जिसका सम्मान होना चाहिए।”

By DTI