डीटी आई न्यूज़। कैप्टन अमरिंदर सिंह की उमर 79 साल है । वो अपनी शानदार पारी खेल चुके हैं , उम्र के इस पड़ाव में भी उन्हें यह बर्दाश्त नहीं है कि कांग्रेस उनका विकल्प तलाश करे क्या कांग्रेस केवल कैप्टन अमरिंदर सिंह के सहारे ही रहे ।
कर्नाटक के एक कांग्रेसी नेता हैं एस॰एम॰कृष्णा साहब , 90 साल के हैं । कांग्रेस में रहते हुए कर्नाटक के विधान सभा स्पीकर बने, देश के विदेश मंत्री बने , कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने । फिर रिटायरमेंट की उम्र में कांग्रेस ने महाराष्ट्र के राज भवन में राज्यपाल बनाकर भेज दिया । सब कुछ बनने के बाद 86 साल की उम्र में 2017 में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली ।
एनडी तिवारी 93 साल की उम्र में 2018 में दुनिया से रुख़्सत हुए । वो उत्तर प्रदेश के तीन बार और उत्तराखंड के एक बार मुख्यमंत्री बने । राजीव गांधी की सरकार में वित्त और विदेश जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय उन्होंने सम्भाले । कांग्रेस ने रिटायरमेंट की उम्र में उन्हें राज्यपाल बनाकर आँध्रप्रदेश भेज दिया । शौक़ीन मिज़ाज आदमी थे , सारी ज़िंदगी कांग्रेस उनके शौक़ की बदनामी झेलती रही । 2017 में 92 साल की उम्र में उन्होंने भाजपा जोईन कर ली थी और अंतिम साँस भाजपा के नेता के रूप में ली ।
विजय बहुगुणा को कांग्रेस ने हरीश रावत को साइडलाइन करके उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया । उनके पिता हेमवती नंदन बहुगुणा को भी कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था । उनकी बहन रीता बहुगुणा कई साल तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी की चीफ़ रही । विजय बहुगुणा और रीता बहुगुणा अब भाजपा नेता है और किसी कोने में सर झुकाए और मुँह दबाए बैठे हैं ।
यह कुछ मिसालें है , अगर सब के नाम लिखने शुरू कर दिए तो शाम हो जाएगी और नाम ख़त्म नहीं होंगे । समझने के लिए इतना काफ़ी है कि भाजपा के वर्तमान सांसदो में 100 से अधिक सांसद पूर्व कांग्रेसी हैं ।
यह सब देखने के बाद भी अगर कोई कहता है कि कांग्रेस को गांधी परिवार से छुटकारा पा लेना चाहिए या गांधी परिवार को नए लोगों को मौक़ा देना चाहिए तो में समझता हूँ कि ऐसा व्यक्ति कांग्रेस का विरोधी तो हो सकता है , हितेशी नहीं । कांग्रेस अगर आज भी ज़िंदा है तो केवल इसलिए ज़िंदा है क्यूँकि उसे ऑक्सिजन गांधी परिवार से मिल रही है । जिस दिन इस परिवार से बाहर कांग्रेस गयी , उस दिन यह कांग्रेसी पार्टी को बेचकर खा जाएँगे और डकार भी नहीं लेंगे ।copied