चंडीगढ़,नई दिल्ली,संजीव मेहता।राजनीतिक भाषा में ना कोई किसी का शत्रु है और ना ही किसी का दोस्त आज यह वाली कहावत उस समय सच हो गई जब साढे 4 साल कैप्टन अमरिंदर सिंह को कोसने वाले प्रताप सिंह बाजवा कैप्टन अमरिंदर सिंह के बुलावे पर उनके फार्म अवसर मिलने के लिए पहुंच गए।

सिद्धू के अध्यक्ष संभावी अध्यक्ष पद पर कैसे रोक लगाई जाए के मामले में गंभीर चर्चा की कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वैसे तो बयान दिया है वह हाई कमांड का हर फैसला मानने के लिए तैयार है लेकिन दूसरी तरफ दबाव की राजनीति कर रहे है और नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस मैं हो रही चढ़त से काफी परेशान हो चुके हैं
अब इसी कड़ी में उन्होंने अपने विरोध प्रताप सिंह बाजवा से हाथ मिलाया है. उन्होंने बाजवा को अपने आवास पर बुलाया है और उनके बीच एक अहम मीटिंग की. पंजाब विधान् के स्पीकर और पुराने कांग्रेसी नेता राणा के सिंह भी उस मुलाकात में शामिल हुए हैं.
उन्होंने बाजवा को अपने आवास पर बुलाया है और उनके बीच अहम मीटिंग हुई ।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज है कि नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब की राजनीति में बड़ा पद मिलने जा रहा है. उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. सिद्धू की तरफ से विधायक मंत्रियों से मिलने का दौर भी शुरू हो चुका है. यहीं वजह है कि अब कैप्टन अमरिंदर सिंह अपना आखिरी दाव चलने का प्रयास कर रह है. व इस बात को समझते हैं कि प्रताप सिंह बाजवा भी सिद्धू के बढ़ते कद से परेशान हैं, ऐसे में दोनों साथ मिलकर अब पंजाब की राजनीति में होने जा रहे इस बड़े उलटफेर को रोकना चाहते हैं.

अमरिंदर और बाजवा की तरफ से कांग्रेस हाईकमान को संदेश साफ दिया जा रहा है पंजाब में पार्टी की बागडोर किसी पुराने कां सिंह सिद्धू को बीजोपी को छोड़े कुछ साल हो चुके हैं, लेकिन फिर भी पार्टी हाईकमान का उनको जरूरत से ज्यादा तवज्जो देना अमरिंदर सिंह को रास नहीं आ रहा है. उनकी नाराजगी इस कदर है कि वे अपने हर विरोधी से इस समय हाथ मिलाने को तैयार दिख रहे हैं. बताया जा रहा है। कि पंजाब कांग्रेस में कई ऐसे गुट हैं जो वैसे तो सीएम का विरोध करते हैं लेकिन सिद्धू को रोकने के लिए साथ आ सकते हैं.
आखिरी दाव चलने का प्रयास कर रह है. व इस बात को समझते हैं कि प्रताप सिंह बाजवा भी सिद्धू के बढ़ते कद से परेशान हैं, ऐसे में दोनों साथ मिलकर अब पंजाब की राजनीति में होने जा रहे इस बड़े उलटफेर को रोकना चाहते हैं.

अमरिंदर और बाजवा की तरफ से कांग्रेस हाईकमान को संदेश साफ दिया जा रहा है पंजाब में पार्टी की बागडोर किसी पुराने कां सिंह सिद्धू को बीजोपी को छोड़े कुछ साल हो चुके हैं, लेकिन फिर भी पार्टी हाईकमान का उनको जरूरत से ज्यादा तवज्जो देना अमरिंदर सिंह को रास नहीं आ रहा है. उनकी नाराजगी इस कदर है कि वे अपने हर विरोधी से इस समय हाथ मिलाने को तैयार दिख रहे हैं. बताया जा रहा है। कि पंजाब कांग्रेस में कई ऐसे गुट हैं जो वैसे तो सीएम का विरोध करते हैं लेकिन सिद्धू को रोकने के लिए साथ आ सकते हैं.
अब अमरिंदर सिंह की ये रणनीति कितनी सफल रहती है, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाए अभी के लिए पंजाब कांग्रेस में कुछ भी ठीक नही चल रहा है. पंजाब प्रभारी हरीश रावत की तरफ से जरूर कहा गया है कि कैप्टन को पार्टी हाईकमान का हर फैसला स्वीकार रहेगा, लेकिन अमरिंदर सिंह की सोनिया गांधी को लिखी गई चिट्ठी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. जिस चिट्ठी में कैप्टन ने जोर देकर कहा है कि जबरन पंजाब की राजनीति में दखल देने से पार्टी को नुकसान हो सकता है. दूसरी तरफ हाई कमांड ने सिधु को अध्यक्ष बनाने का फैसला कर लिया हुआ है जिससे पीछे मुड़ने को भी तयार नही । सूत्रों से पता चला है कि सोनिया गांधी कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस मामले में भूमिका से नाराज है इस बारे सोनिया के आदेश पर हरीश रावत ने फोन कर कैप्टन अमरिंदर को अवगत करा दिया है

By DTI