रिखणीखाल,प्रभुपाल सिंह रावत।प्रखण्ड रिखणीखाल के अन्तर्गत सबसे बड़ी दो ग्राम पंचायत काण्डा एवं कर्तिया जहाँ दस हजार के करीब निवसित परिवार हैं तथा दो हजार के लगभग मतदाता होने के बावजूद भी यहाँ की समस्याएं अन्त लेने का नाम नहीं ले रहीं हैं…, ग्रामसभा काण्डा के कोर जोन व बफर जोन का दंश झेलता तैड़िया गाँव वर्ष दो हजार से विस्थापन व विकास के लिए अछूता ही नजर आया.. न सरकारी तंत्र को मतलब रहा न प्रशासन को?? हालत यह है कि गाँव बंजर होने की दहलीज पर है…!! वहीं काण्डा.. खेड़ा, बैडवाड़ी , बुडोलाखोला, सौंटियाल खोला, भैंसिया रौ, दियोड़ व जवाड़ियूंरौल जहाँ खेती युक्त भूभाग है कतिपय प्रस्तावों की जिला योजना स्वीकृति व टेंडर प्रक्रिया तक होने पर भी खेती सुरक्षा बाड़ नहीं मिल पायी.. कॉर्बेट नेशनल पार्क की सीमा से सटे इन तीनों की खेती वन्यजीवों को समर्पित हो जाती है..!! न खेती नुकसान का मुआवजा मिलता और ना हीं पशुधन हानि पर आसानी से क्षतिपूर्ति?वहीं वन्य पैदल मार्गों में आवागमन परेशानी का सबब बना रह गया यही हाल कर्तिया, हैड़ाग्वाड़, कालिंको, बंजादेवी नौदानू का है…!!
दूरसंचार सम्पर्क के लिए आज भी आधुनिकता की दौड़ में यह मन्दालघाटी का क्षेत्र फिसड्डी ही रहा.. विगत दो तीन वर्षों से क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर आसन्न कर्तियाँ से बिनीता ध्यानी का कहना है कि वह लगातार पत्राचार व विभागीय मन्त्रियों, सांसद राज्यसभा, लोकसभा व केंद्रीय दूरसंचार एवं प्रसारण मंत्रालय, पीएमओ, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, राज्य के मुख्यमंत्री, क्षेत्रीय विधायक सभी तक गुहार चुके हैं व सबने आश्वासन ही दिया देखते हैं कि कब उनका आश्वासन धरातल पर दस्तक देगा..? उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र सहित, रिमोट क्षेत्र हेतु भी राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी व लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत द्वारा प्रश्नकाल व समाधान हेतु आख्या राज्यों से मंगवाई गयी जिसके ऐवज में कम्पनी द्वारा सर्वेक्षण दल भी कर्तिया, रथुवाढाब व जुई में भेजा गया…. सम्बंधित कम्पनियों के प्रबन्धक व क्षेत्रीय प्रबन्धकों से भी सम्पर्क किया जाता रहा है अभी इन्तजार बाकी है!! गौरतलब है कि यह क्षेत्र वन से लगा होने तथा जयहरीखाल व नैनीडांडा ब्लॉक सीमा से लगा है जिसके चलते इनके अलावा मैदान, खतराही, हिरण, लूंठिया, नाला, ग्वेतखांद, लौहाचौड़, भक्वा, चौड़्यूं, तूणीचौड़, गजरोड़ा,,खेड़ा, बैडवाड़ी, कांडा, दियोड़, जवाड़ियूंरौल, बिरोबाड़ी, कालिंको, कर्तिया, नौदानू, बंजादेवी, ढिकोलिया, हैड़ाग्वाड़, जुई पापड़ी, सेरा, बबल्याणी, गजरजाल, ढुंग्याचौड़, धामधार धूरा, ल्वींठा, गिंठाणा,डोबरिया, झुंडाईसेरा, सिमलखेतू, माऴबांस, जुकणिया महादेव, जुकणिया, गुजरी, कालौं अदाली,बसड़ा, बुंगलगड्डी,जामरी चपड़ेत, घटा सारी से जयहरीखाल के रिखेड़ा, बुध गांव, पैनलगांव, घेटुलगांव, तिमला खोली , क्वालागाड आदि हैं..!यह विचित्र बात ही रही इस क्षेत्र के लिए कि कहीं एक से पांच किलोमीटर दूर पेड़ पर खूंटा बांधकर टावर फिक्स करना,प्लास्टिक की बोतल काटकर उसमें रखे फोन या कहीं धुरपऴी में टावर खोजकर कोयले या खड़िया से निर्धारण अब भी दस्तूर बनकर रह गया है..!!चुनावी दंगल में मन्दालघाटी के लोगों को नेटवर्किंग से निजात दिलाना भी बड़ी चुनौती से कम न होगा??

पैनो घाटी
रिखणीखाल!!

By DTI