जयपुर, डीटी आई न्यूज़ ।सावन यानी शिवजी की आराधना का महापर्व आज से शुरू हो गया है। इस बार सावन दो महीने का रहेगा। इस दौरान भगवान शिव के मंदिरों में शिवजी की आराधना करने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। मंदिरों में भीड़ उमड़ने का सिलसिला आज से ही शुरू हो गया है, अब ये पूरे दो महीने तक चलेगा। ऐसे में हम आपके लिए राजस्थान के पांच प्रसिद्ध मंदिरों और उनकी कहानी बताएंगे…।
धौलपुर में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। भगवान शिव के सभी मंदिरों में शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति की पूजा की जाती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। इस मंदिर में भगवान शिव के पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। अचलेश्वर महादेव दिन में तीन बार रंग बदलते हैं। सुबह के समय शिवलिंग लाल, दोपहर में केसरिया और रात को श्याम वर्ण में नजर आता है। मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी महाराज की करीब चार टन की बड़ी मूर्ति लगी हुई है। बताया जाता है कि नंदी की ये मूर्ति सोना, चांदी, तांबे, पीतल और जस्ता समेत पांच धातुओं से मिलकर बनी है।
महादेव मनोकामना करते हैं पूरी
किंवदंती के अनुसार मुस्लिम आक्रमणकारियों के हमले के दौरान नंदी की मूर्ति ने मंदिर की रक्षा की थी। ऐसी की किंवदंती मंदिर में छिपी मधुमक्खियों को लेकर भी है। अचलेश्वर महादेव के अपने अद्भुत चमत्कार के साथ ही लोगों की मनोकामना भी पूर्ण करते हैं। मान्यता है कि मंदिर में महादेव के दर्शन करने से कुंवारे लड़के और लड़कियों को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।