हरिद्वार,डीटी आई न्यूज़।हरिद्वार जनपद के गांव पूरनपुर सलाहपुर में पटवारी द्वारा धोखे से जमीन की रजिस्ट्री करने की एवज में लाखों रुपए हड़पने सनसनीखेज मामला सामने आया है लेकिन पटवारी अभी कानून की पहुच से दूर है ,अगर पटवारी वरिंदर कुमार के खिलाफ गंभीरता से जांच की जाए तो कई फर्जीवाड़े सामने आ सकते है और कई मामलों इस कथित घोटालेबाज पटवारी के खिलाफ अभी जांच करने के लिए लंबित है
मामला इस प्रकार बताया जा रहा है कि प्रदीप कुमार चौधरी जो कि प्रोपेर्टी डीलिंग का कार्य करता है और विधिवत रूप से इनकम टैक्स व जी.एस.टी. अदा करता चला आ रहा है।मेरे बारे वीरेंदर कुमार लेखपाल को पता चला कि प्रार्थी जमीन खरीदना चाहता है तो विरेन्द्र कुमार लेखपाल मुझ को मिला और विश्वास दिलाया कि मै इस हल्के का लेखपाल हूँ, हरिजनों की जमीने है, जिनकी में परमिशन कराकर जमीन आपके नाम करा दूंगा, इन्होंने मुझे एक सजरा दिबाया, जिसमें बताया कि यह 125 बीघे जमीन उक्त अन्य विपक्षीगण की है, जिसमें सड़क वाली सामने की जमीन 4-1/2 लाख रुपये बीघा तथा पीछे की जमीन 2-2 1/2 लाख रुपये बीघा बरीवा दूंगा।

यह कि उक्त विरेन्द्र कुमार द्वारा प्रार्थी को मौजा हल्का पूरणपुर साल्हापुर थाना रानीपुर पर ले जाकर अन्य विपक्षीगणो मिलवाया और बताया कि ये मेरे रिश्तेदार है और जाति से भी हरिजन विपक्षीगणो द्वारा मुझ प्रार्थी को मौके पर जमीन व कुछ रजिस्ट्रीयाँ, इकरारनामे, तहसील की खतौनियाँ जो विपक्षी सं0 1 के हस्तलेख में भी दिखायी और सभी ने विश्वास दिलाया कि हमारी जमीन है, हम परमिशन लेकर आपके हक में रजिस्ट्री करा देंगे और कवरपाल पुत्र सुगन का खाता नं० 50100205343762, खाता नं०- 04462413000796 सोनू का खाता सं०- 0696000100056267, खाता सं०] 3569101001027, 200710101005786 दिये और विश्वास दिलाया कि आप इन खातों में रुपये भिजवा दो, हम बाद में जमीन का बैयनामा परमिशन लेकर तुम्हारे नाम कर देंगे उन्होंने आगे कहा कि उक्त विपक्षीगणो की बातों पर विश्वास कर विरेन्द्र लेखपाल के खाते में मेरे द्वारा दिनांक 06.04.2020 को 2 लाख रुपये, कंवरपल के खाते में आर.टी. जी.एस से दिनांक 10.07.2019 को चैक सं0-000608 द्वारा 3 लाख रुपये एव 4,80,00/- रुपये एन.ई.एफ.टी. द्वारा सोनू के खाते में 5 लाख रुपये दिनांक 01.08.2019 को व एफ.ई.एफ.टी द्वारा दिनांक 03.07.2019 को 7 लाख रुपये व दिनांक 18.01.2020 को 50 हजार रुपये अम्बरीश के खाते में दिनांक 20.01.2020 को 5 लाख रुपये चैक सं० 00646 द्वारा तथा चैक स० 000647 द्वारा दिनांक 14.02.2020 को 5 लाख रुपये दिये जो विपक्षीगण को प्राप्त हुये। इस प्रकार प्रार्थी के 4 खातों से विपक्षीगणो को कुल लगभग 2,71,64,00/- रुपये चैको, एन. ई. एफ.टी.आर.टी.जी.एस के माध्यम से प्राप्त हुये इसके अतिरिक्त उक्त लेखपाल विरेन्द्र कुमार द्वारा जमीन नपाई, रास्ते की अनुमति एवं जमीन विक्रय करने की अनुमति दिलाने के लिये धोखा देकर 80-85 लाख रुपये अतिरिक्त प्राप्त किये। विरेन्द्र कुमार लेखपाल ने प्रदीप को कविता पत्नी मनीराम द्वारा की रजिस्ट्री दिनांकित 19.06.2019 जो रजिस्ट्री कार्यालय में वही नं0 1 जिल्द नम्बर 423 को पृष्ठ 25 से 48 पर क्रमांक 4394 जो कविता द्वारा विपक्षी कंवरपाल के हक में की गयी, इसी भूमि की दूसरी रजिस्ट्री दिनांकित 19.06.2019 जो कविता द्वारा स्वतन्त्र सिंह पुत्र पूरणचन्द के नाम की जो रजिस्ट्री कार्यालय में बही स० 1 जिल्द 4230 के पृष्ठ 1 से 24 क्रमांक 4393 पर अंकित है। विपक्षीगण द्वारा दोनो रजिस्ट्रीयाँ दिखाकर प्रार्थी को विश्वास दिलाया कि उक्त भूमि कविता की थी, जो उसने इन दोनों के नाम विक्रय कर दी है, अब यह जमीन प्रार्थी के नाम करा देंगे, विरेन्द्र कुमार लेखपाल द्वारा उक्त दोनों विक्रयपत्रों के आधार पर स्वयं अपने हस्तेलेख से जोत चकबन्दी आकार पत्र 23 ( भाग)- 1 इन्द्रराज किया, जबकि मालूम करने पर पता चला कि कविता रानी भूमि की आधी भूमि रकबई 0.291 है0 की स्वामिनी है। इस प्रकार विपक्षी विरेन्द्र कुमार लेखपाल द्वारा अन्य विपक्षीगणो से साज कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कुल जमीन 0.582 है0 की रकम धोखाधड प्राप्त की, जिनकी प्रमाणित फोटोप्रतियाँ साथ संलग्न है। प्रार्थी द्वारा तहसील चकबन्दी के कागजात दिखाने के लिये कहने पर भी विरेन्द्र कुमार लेखपाल द्वारा आज तक भी कागजात नहीं दिखाये है। लेखपाल विरेन्द्र कुमार द्वारा इसी प्रकार सीतराम पुत्र रामसिंह निवासी ग्राम पुरणपुर साल्हापुर के साथ मिलकर खसरा सं०- 197/1 मि० रकबई 0.074 है० जमीन की रजिस्ट्री अपने मुन्शी महेश कुमार पुत्र टोडरमल निवासी जसवावाला के नाम दिनांक 05.08.2019 को रजिस्ट्री कार्यालय में नही न०1, जिल्द नं0 5046 के पृष्ठ 131 से 154 पर क्रमांक 5772 निष्पादित कराई, जिसे दिखाकर व विश्वास दिलाकर प्रार्थी से रुपये प्राप्त किये, परन्तु बाद में पता थाला कि उक्त सीताराम के नाम इसे रकबे में कोई जमीन ही नहीं थी. यह कि विरेन्द्र कुमार लेखपाल द्वारा उक्त सोनू व राजेन्द्र से मिलकर दिनांक 21.12.2019 को राजेन्द्र कुमार द्वारा प्रार्थी के परिचित श्री एम0एल0 चतुर्वेदी के हक में कृषि भूमि बाग कुल रकबई भूमि 1.210 है० का 5 लाख रुपये प्रति बीघा की दर से कुल 86,65,000/- रुपये में तय हुआ था, जिसमें से 23,65,000/- रुपये राजेन्द्र कुमार द्वारा प्राप्त किये
इसके अतिरिक्त सोनू के रिश्तेदारों को उनके नाम से चैक के माध्यम से धनराशी 39 लाख 55 हजार रुपये दिये जाने सम्बन्धी विवरण उपलब्ध कराया गया है

इस सम्बन्ध में बैंक द्वारा अभी खाताविवरण यथाशीघ्र उपलब्ध कराने हेतु बताया गया है। मुझ उ०नि० द्वारा इस सम्बन्ध में अन्य गवाहों के बयान अंकित किये गये हैं जिनके द्वारा भी प्रदीप कुमार का समर्थन किया गया है। अंकित बयान संलग्न है। मुझ उ0नि0 द्वारा उक्त प्रकरण में अब तक की जॉच व प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर आवेदक द्वारा विपक्षीगणों को काफी धनराशी दिये जाने की पुष्टि हुयी है। विपक्षीगणों द्वारा अब तक ना ही आवेदक को जमीन दी गयी है और नाही आवेदक का पैसा वापस लौटाया गया है। प्रारम्भिक जाँच से प्रकरण के सम्बन्ध में विवेचनात्मक कार्यवाही किये जाने के पर्याप्त आधार है।
जब इस मामले में कई बार पटवारी के साथ मामले का पक्ष जानने के लिए फोन किया तो उनका फोन बंद था

By DTI