देहरादून डीटीआई न्यूज़ । उत्तराखंड सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के उस सुझाव को ठुकरा दिया है, जिसमें उन्होंने चारधाम यात्रा व पर्यटन गतिविधियों को टीकाकरण करा चुके तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के लिए खोले जाने की वकालत की है। 
वहीं दूसरी तरफ है त्रिवेंद्र सिंह रावत के खासम खास मदन कौशिक ने उत्तराखंड में कोविड-19 संक्रमितों की संख्या कम होने के कारण मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मिलकर बाजार खोलने की वकालत की थी लेकिन बाजार तो क्या खोलने थे बल्कि कोरोना कर्फ्यू को और बढ़ा कर 15 जून तक कर दिया गया है जिससे एक बात साफ हो गई है कि तीरथ सिंह रावत व उनके मंत्री,पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व उनके सहयोगियों की बात नहीं मान रहे।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने पत्र में लिखा कि प्रदेश सरकार को चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए सभी तीर्थ यात्रियों, होटल व परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों का टीकाकरण कर लिया जाए। जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका है, उन्हें ही उत्तराखंड में यात्रा एवं पर्यटन की अनुमति दी जाए। इससे संबंधित सभी प्रदेशवासियों की आजीविका भी दोबारा शुरू हो सकेगी। प्रदेश को राजस्व भी मिलेगा। सुझावों के समर्थन में रविवार को त्रिवेंद्र बयान भी दिया। 

उधर, तीरथ सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने यह कहकर पूर्व मुख्यमंत्री के सुझाव को फिलहाल मानने से इनकार कर दिया कि अभी यह संभव नहीं हैं। उन्होंने कहा कि टीकाकरण करा चुके लोग भी कोरोना संक्रमण की वजह बन सकते हैं। बेशक यात्रा के दौरान उत्तराखंड आने वाले लोगों को कोई खतरा नहीं हो, लेकिन वे कोराना फैलने की वजह बन सकते हैं। ऐसे में स्थानीय स्तर पर संक्रमण का खतरा हो सकता है। उनियाल के मुताबिक, सरकार चारधाम यात्रा शुरू न हो पाने को लेकर चिंतित है लेकिन उसकी सबसे बड़ी चिंता लोगों की सेहत को लेकर है। उसे सुरक्षित बनाना सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए उत्तराखंड से बाहर से आने वाले लोगों के 72 घंटे की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य है। 

By DTI