देहरादून गगन नामदेव की रिपोर्ट.। हरक सिंह रावत को भाजपा से निष्कासित किए जाने के बाद अब कांग्रेसी भी उन्हें लेने का विरोध खुलकर करने लगे हैं। ऐसे में हरक की हनक टूटती दिखायी दे रही है। जिसके चलते वे पुनः भाजपा का रूख कर सकते हैं।
बीजेपी से निष्कासन के बाद से कांग्रेस का प्रचार कर रहे हरक को पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस उनके दरवाजे पर उन्हें लेने आएगी और कुछ ही घंटों में वो फिर से कांग्रेसी हो जाएंगे, लेकिन इस बार अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं। इसकी सबसे बड़ी वजह बने हरक से धोखा खाए हरीश रावत।
खबरें यह हैं कि हरीश रावत ने पार्टी आलाकमान से हरक सिंह रावत को कांग्रेस में शामिल करवाने से साफ इनकार कर दिया हैं ! उसके साथ ही प्रदेश में कई स्थानों पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी हरक को लेकर काफी आक्रोश जताया है। फिलहाल स्थिति ये हो गई है कि हरक को कहीं रास्ता दिखाई नहीं दे रहा।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरक के ऊपर लगातार राज्य विरोधी, लोकतंत्र की हत्या करने वाले नेता जैसे आरोप लगा चुके हैं। हालांकि, हरक सिंह रावत पहले से काफी नरम रहते हुए हरीश रावत और कांग्रेस पार्टी के प्रति मीठे अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया दे चुके हैं। चर्चा है कि कांग्रेस में कोई रास्ता न देख हरक सिंह रावत दोबारा बीजेपी में आ रहे हैं। बीजेपी सूत्रों की मानें तो इस खबर से इंकार भी नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि बुधवार को हरक सिंह रावत ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी जैसे नेताओं से बातचीत भी की है। बीजेपी ने आज गुरुवार को अपने 59 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है, उसमें केदारनाथ विधानसभा सीट से अभी उम्मीदवार तय नहीं हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी में अगर हरक सिंह आते हैं तो उनको केदारनाथ से टिकट दिया जा सकता है। वैसे पार्टी ने कोटद्वार और डोईवाला जैसी बड़ी सीटों पर भी प्रत्याशियों का नाम तय नहीं किया है। कुछ भी हो इस बार हरक सिंह रावत की फजीहत खासी हुई है।
