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विशेष सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त को बीस साल की सजा सुनाई है। साथ विभिन्न धाराओं में अलग-अलग राशि तय करते हुए कुल 58 हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया है। कोर्ट ने अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्त को अतिरिक्त एक साल चार माह का कारावास भुगतने के आदेश दिये हैं।
साथ ही कोर्ट ने प्रतिकर के रूप में पीडिता को दो लाख रुपए देने के भी आदेश दिए हैं। मामला सतपुली तहसील क्षेत्र में साल 2020 का है।

विशेष लोक अभियोजक (पोक्सो) बिजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 15 सितंबर 2020 को नाबालिग की मां ने मामले में तहरीर दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी 13 सितं 2020 को बिना बताए कहीं चले गई।

पहले तो परिजनों ने नाबालिग की खोजबीन की। लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। तहरीर में नाबालिग की मां ने अभियुक्त पर बेटी को बहला फुसलाकर उसे भगाकर ले जाने का संदेह जता ऐप पर पढ़ें नाबालिग की मां की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया। बताया कि विवेचना के दौरान 9 अक्टूबर 2020 को नाबालिक को अभियुक्त के कब्जे से पुलिस को हिमाचल प्रदेश से बरामद हुई।
नाबालिग ने पुलिस व मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में बताया कि अभियुक्त घटना के दिन उसके गांव आया और शादी का झांसा देकर जबरदस्ती उसे हिमाचल ले गया। जहां उसने नाबालिग को किराए के कमरे में पत्नी के रुप में रखा। नाबालिग के बयानों के आधार पर मामले में पोक्सो एक्ट की वृद्धि कर दी।

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 11 गवाह पेश किए गए। बचाव व अभियोजन पक्ष की बहस सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश (पोक्सो) आशीष नैथानी की अदालत ने अभियुक्त दोष सिद्ध करार देते हुए बीस वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।

By DTI