जयपुर, डी टीआई न्यूज़।हम ढाई साल से साथ रह रहे थे। उसने मुझे बता दिया था कि मैं पहले से शादीशुदा हूं। इसके बाद भी मैंने अपनाया। हम पति-पत्नी की तरह साथ रहने लगे। लेकिन, जब वह किसी और से बात करने लगी तो मुझे गुस्सा आने लगा।
उसने एक व्यक्ति के साथ मुझे रेस्टोरेंट बुलाया और समझाय भी। मैंने उसे आईफोन भी दिलाया, लेकिन बाद में उसने मुझे ब्लॉक कर दिया और किसी और से बात करने लगी। मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसकी हत्या कर दी ।
यह कबूलनामा है अजमेर में मंगलवार को अलवर गेट थाना क्षेत्र के नाका मदार चौकी के पास 32 साल की महिला टीचर कीर्ति चौहान की हत्या करने वाले आरोपी प्रेमी विवेक का विवेक ढाई साल से उसे जानता था ।
विवेक कुमार ने बताया कि वह पीएनटी कॉलोनी के पास रामगंज में रहता हूं और गाड़ी चलाता हूं। पिता देवेंद्र सिंह रिटायर हो चुके हैं, मां घर संभालती है। बड़ा भाई अपने परिवार के साथ सुभाष नगर में रहता है। बड़ी बहन की शादी हो चुकी है।
मैंने शादी नहीं की। मैंने 10वीं तक पढ़ाई की है। 7 मार्च 2020 को इग्लिंश स्पीकिंग की क्लास में नगरा गया था। यहां मेरी मुलाकात कीर्ति चौहान से हुई थी। धीरे-धीरे हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी। कीर्ति पहले से शादीशुदा थी और ये बात उसने मुझे बता दी थी। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था। लॉकडाउन के बाद हम पति-पत्नी की तरह साथ रहने लग गए थे।
पति जेल में, सारा खर्चा वही उठाता था कीर्ति का पति करीब 9-10 महीने से चेक बाउंस के मामले में अजमेर की सेंट्रल जेल में बंद है। मैं ही कीर्ति का सारा खर्चा उठाता था। कुछ महीने पहले ही उसे आईफोन भी दिलाया था और इसकी किस्त भी मैं ही भर रहा था । कीर्ति पहले सम्राट स्कूल के पास कोटड़ा में रहती थी, वहां से उसने मकान खाली कर दिया और धोलाभाटा आकर रहने लगी थी।
एक महीने से कीर्ति का स्वभाव बदल गया था। उसने मेरा मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिया। मुझे पता चला कि वह अनिल नाम के आदमी से बात करने लगी थी। जब मुझे इसके बारे में पता चला तो रास्ते में रोककर उसे दूसरे आदमी से बात करने के लिए मना किया। बात बढ़ गई तो 16 मई 2023 को कीर्ति ने मुझे एक रेस्टोरेंट में बुलाया। उसके साथ अनिल भी था। अनिल ने मुझे बताया कि हमारे रिलेशन गलत नहीं हैं, हम केवल दोस्त हैं।
रेस्टोरेंट में हो गए नाराज, बाहर निकले
रेस्टोरेंट में बातचीत के दौरान कीर्ति ने मुझसे कहा कि मैं रात भर बाहर रहता हूं। इस पर हम दोनों के बीच झगड़ा हो गया। इस दौरान अनिल ने मुझे गालियां निकालीं । कीर्ति ने बताया कि हम दोनों ने शादी कर ली है और अब हम पति-पत्नी हैं। इसके बाद दोपहर 3 बजकर 20 मिनट पर हम वहां से रवाना हो गए। कीर्ति और अनिल एक ही कार में थे।
मैं अपने दोस्त रवि के साथ स्कूटी पर इनके पीछे निकल गया। अनिल ने कीर्ति को कुंदन नगर में एक रेस्टोरेंट के पास ड्रॉप किया। वहां से कीर्ति स्कूटी पर सवार हो गई थी।
अनिल को छोड़ने से मना किया तो आया गुस्सा कीर्ति को जब रेस्टोरेंट के बाहर ड्रॉप किया तो मैं कीर्ति दोबारा पीछा करने लगा।
इसके बाद नाका मदार चौकी के पास दोनों मिले। यहां हमारी दोबारा बातचीत शुरू हुई। इस दौरान मैंने उसे अनिल को छोड़ने को कहा तो कीर्ति ने मना कर दिया। और, वो वहां से रवाना हो गई। इस पर मुझे कीर्ति पर गुस्सा आ गया था।
तभी कीर्ति एक बार फिर बीच रास्ते में स्कूटी खड़ी कर किसी से मोबाइल पर बात करने लगी। मोबाइल पर किसी और से बात करते देख मुझसे रहा नहीं गया और मैंने बैग से चाकू निकाल और एक के बाद एक कीर्ति पर हमला कर वहां से स्कूटी लेकर फरार हो गया।
मोबाइल तोड़कर झील में फेंका, पहाड़ी में छिपा
मर्डर के बाद मैं आनासागर गया। यहां मोबाइल तोड़कर पानी में फेंका। वहां से रवाना होकर नारेली की पहाड़ियों में चला गया और स्कूटी को पहाड़ी की तलहटी में झाड़ियों के बीच खड़ी कर वहीं पर छिप गया।
ये आरोपी विवान का कबूलनामा था इसमें उसने पुलिस को ये भी कहा… मुझसे गुस्से में गलती हो गई। गुस्से में आकर चाकू से कीर्ति पर चार वार कर उसका मर्डर कर दिया।