नई दिल्ली डीटीआई न्यूज़।बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना यह कहावत तो आपने अच्छी तरह से सुनी होगी लेकिन बंगाल में कांग्रेस पार्टी पर यह कहावत बिल्कुल फिट बैठ रही है क्योंकि वहां पर कांग्रेस सिर्फ इसलिए खुश है कि भाजपा वहां में सरकार नहीं बना सकी लेकिन खुद कांग्रेश एक भी सीट नहीं जीत पाई । दरअसल यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस को फायदा पहुंचाने के लिए वहां पर बिल्कुल प्रचार नहीं किया ताकि इसका फायदा बीजेपी को ना मिल सके
पश्चिम बंगाल के परिणाम से भाजपा भले ही हतप्रभ हो, लेकिन कांग्रेस काफी खुश नजर आ रही है। जानकार तृणमूल कांग्रेस की बेहतरीन जीत के पीछे कांग्रेस के मौन साथ को भी एक वजह मान रहे है। चुनाव के दौरान राहुल और प्रियंका गांधी ने बंगाल से दूरी बना रखी थी। भाजपा वाले चुनौती देते देते रहे। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता पश्चिम बंगाल को छोड़कर दक्षिण भारत और उत्तर प्रदेश में घूम रहे है।दरअसल, भाजपा चाहती थी कि कांग्रेस बंगाल की सीटों से थोड़े थोड़े वोट भी ले, तो टीमएसी को नुकसान होगा और भाजपा को इसका सीधा फायदा। कांग्रेस ने सुस्ती भरे चुनावी प्रचार के जरिए भाजपा की उम्मीदों को पलीता लगा दिया और खामोशी से बिना वोट काटे दीदी को मजबूत कर दिया। अब कांग्रेस खुश है कि उसके दुश्मन की हार हुई है। भले ही जीत का सेहरा ममता बनर्जी के सिर पर सज रहा है।
कांग्रेस की राजनीति को करीब से समझने वाले राजनीतक पंडितो का कहना है कि आज देश में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का बोलबाला है। भाजपा कैसे कमजोर हो या मोदी शाह की जोड़ी को कैसे परास्त किया जा सकता है, इस दिशा में राहुल गांधी और गांधी परिवार के सदस्य काम कर रहे है। हालांकि, देश में कांग्रेस को दोबारा कैसे खड़ा किया जाए इस दिशा में कोई रोडमैप तैयार नहीं हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस की रणनीति थी कि किस तरह से भाजपा को घेरा जाए और विपक्ष में भी ये आत्मविश्वास बढ़े कि भाजपा को हराया जा सकता है। अगर बंगाल चुनाव भाजपा जीत जाती, तो कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है।
सियासी माहिर बताते है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत बेहद महत्वपूर्ण है। तमिलनाडु में कांग्रेस और डीएमके गठबंधन जीत रहा है। इससे पूरे देश में विपक्ष को बल मिलेगा। आज संपूर्ण विपक्ष यही चाहता है कि कैसे भी मोदी को परास्त किया जाए। ऐसे में भाजपा के खिलाफ कोई एकजुट गठबंधन बनता है, तो उसमें कांग्रेस पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हालांकि, ये चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए बहुत ही निराशाजनक हैं, लेकिन हताशाजनक बिल्कुल नहीं है। कांग्रेस को अपने सब कुछ लूट जाने के गम से ज्यादा खुशी दुश्मन के कमजोर होने में है।