हरिद्वार, एजेंसी ।उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा में जैतपुर मेट्रो डिपो के पास आयोजित श्रीमद भागवत में बुधवार को लगाए गए दिव्य दरबार में भीड़ अधिक बढ़ने के कारण अफरा-तफरी मच गई। अर्जी लगाने के दौरान हालात बेकाबू हो गए और थोड़ी देर के लिए भगदड़ भी मच गई थी। मगर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते व्यवस्था को संभाल लिया। इस दौरान भीड़ और उमस के कारण महिलाओं-बुजुर्ग व बच्चे समेत 15 गिरने से चोटिल हो तो कुछ बेहोश हो गए और उनको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बागेश्वरधाम सरकार के निकट पहुंचने के लिए जब भीड़ अव्यस्थित हुई और कई बार पंड़ित धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों को बाहर जाने की अपील की। मगर भक्तों ने कोई बात नही सुनी तो वह स्वयं कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर चले गए। उधर, पुलिस ने भगदड़ और करंट लगने की बात से इंकार किया है।
दरअसल, दिव्य दरबार में पौने दो लाख लोगों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई थी और बुधवार को लगने वाले दिव्य दरबार में करीब दो लाख से अधिक श्रृद्धालु पहुंच गए। इससे पंडाल में अव्यवस्था फैल गई। सुबह सात बजे से पंडाल में बैठे-बैठे गर्मी से उमस बढ़ती चली गई और पानी की भी व्यवस्था न होने से लोग बेहोश होकर गिरने लगे। करीब पौने एक बजे जब अर्जी का कार्यक्रम शुरू हुआ तो लोगों में अपनी पर्ची निकलवाने के लिए होड़ मच गई। इस दौरान श्रृद्धालु तेजी से धीरेंद्र शास्त्री के सिंहासन की ओर से बढ़े तो भीड़ बेकाबू होने लगी और एक-दूसरे को लोगों ने दबाना शुरू कर दिया। इससे सबसे आगे आई महिलाएं भीड़ के धक्के और लोहे के पाइप के बीच फंसकर चिल्लाने लगी।
दौरान महिलाओं और बुजुर्ग व बच्चे समेत 15 लोग घायल हो गए। पुलिस ने उनको अस्पताल पहुंचाया ।
पंड़ित धीरेंद्र शास्त्री की श्रीमदभागवत कथा के आयोजकों में पहले ही दिन से आपसी मनमुटाव लेनदेन को लेकर सामने आ गया था और एक दूसरे पर वीवीआईपी पास बेचने का आरोप लगा रहे है। जानकार लोगों ने बताया कि पंड़ाल में करीब पौने दो लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था है लेकिन बुधवार को दो लाख से अधिक श्रृद्धालू पहुंच गए थे और इससे गर्मी में अव्यवस्था फैल गई। पुलिस भी सुबह से ही लोगों की संख्या देखकर हावभाव भूलने लगी थी और दिव्य दरबार में भीड़ की जानकारी होने पर कमिश्नरेट के आला अधिकारी मौके पर ही मौजूद रहे। अगर आला अधिकारी समय रहते व्यवस्था को न संभालते तो शायद बड़ी घटना हो सकती थी।
पंडाल में मिलता पानी तो न होते लोग बेहोश
आयोजकों की ओर से एयरकंडीश्नर पंडाल बनवाया गया था। मगर भीड़ के अनुसार उसमें एसी और पंखे नहीं लगवाए गए। जो पंखे और ऐसी लगे थे वह भी बंद थे। इससे उमस लगातार बढ़ती चली गई। गर्मी और उमस से परेशान हुए लोगों को समय पर पानी तक नहीं मिला तो इससे लोग बेहोश होकर गिरने लगे और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
श्रीमद भागवत कथा के कार्यक्रम में कोई भगदड़ नहीं मची है। गर्मी व उमस के कारण कुछ महिलाएं व बुजुर्ग बेहोश हुए हैं। उनको नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराकर इलाज के बाद घर पहुंचाए जा चुके हैं। भगदड़ की बात संज्ञान में नहीं है और न ही करंट लगने की कोई घटना हुई है।