हरिद्वार/रुड़की,डी टीआई न्यूज़।प्रशासन के लाख दावे के बावजूद अस्पतालों में लगातार ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। मंगलवार को रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के चलते पांच मरीजों की जान चली गई थी। इस हादसे के बाद रुड़की में लोगों में डर का माहौल पैदा हो गया है।

उत्तराखंड में रुड़की के विनय विशाल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से पांच मरीजों की मौत के एक दिन बाद ही सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होने की आशंका से 38 कोरोना संक्रमितों और उनके तीमारदारों की सांसें अटक गईं। स्टॉक में रखे आखिरी सिलिंडर को लगाने पर भी ऑक्सीजन नहीं पहुंची तो अस्पताल में अफरातफरी मच गई। गनीमत रही कि इसी बीच 20 सिलिंडरों की खेप पहुंची। इसके बाद मरीजों और परिजनों ने राहत की सांस ली।
कोविड केयर सेंटर में इस समय 38 कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। सभी मरीजों को ऑक्सीजन लगी हुई है। बताया गया है कि मंगलवार देर रात ऑक्सीजन गैस सिलिंडर का स्टॉक खत्म होने लगा तो अस्पताल प्रशासन ने खाली सिलिंडरों को भरने के लिए गैस प्लांट भेज दिया। सुबह 8:30 बजे तक भी ऑक्सीजन की खेप अस्पताल नहीं पहुंची।
इस दौरान ऑक्सीजन के सिलिंडर खत्म होने लगे तो अस्पताल प्रशासन ने जानकारी लेनी शुरू की। इसी बीच करीब 9.45 बजे स्टॉक में रखा आखिरी सिलिंडर भी मरीजों को लगा दिया गया। इसकी भनक मरीजों और उनके परिवार को भी लग गई। ऐसे में उनकी सांसें अटकने लगीं। वहीं, परिवार वाले अपने मरीजों की जान बचाने के लिए सिलिंडरों की व्यवस्था करने में जुट गए।
उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। साथ ही किसी भी स्थिति में सिलिंडरों की खेप तत्काल मंगवाने का दबाव बनाया। उधर, समय बीतने के साथ ही मरीजों की धड़कन भी बढ़ रही थी। करीब 10. 45 बजे ऑक्सीजन सिलिंडर अस्पताल पहुंचे। तुरंत स्टाफ ने सिलिंडर बदलकर ऑक्सीजन की सप्लाई दी। इसके बाद मरीजों और तीमारदारों ने राहत की सांस ली। दोपहर में 20 अन्य सिलिंडर भी पहुंच गए थे।
और इस तरह से 38 मरीजों की जान बच पाई

By DTI