हरिद्वार, हर्षिता।योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ की फर्जी वेबसाइट नाकर लाखों की ठगी का हरिद्वार पुलिस ने खुलासा किया है। लंदन के आईपी एड्रेस पर योगपीठ की फर्जी वेबसाइट बनाकर बिहार से फर्जी कॉल सेंटर के जरिये लोगों से ठगी करने वाले गिरोह को बहादराबाद पुलिस, साइबर सेल और सीआईयू ने पकड़ा है।
गिरफ्तार किए गए गैंग के सरगना और एक नाबालिग सदस्य के कब्जे से ठगी में इस्तेमाल किए गए तीन मोबाइल, पतंजलि योगपीठ के नाम के फर्जी बाउचर, बैंक खातों की डिटेल से लेकर महत्वपूर्ण चेटिंग बरामद की गई है। एसएसपी अजय सिंह ने हाईप्रोफाइल प्रकरण का पटाक्षेप करने पर पुलिस टीम का हौसला बढ़ाया है।
रविवार को मायापुर चौकी कैंपस में मामले का खुलासा करते हुए एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि दो अगस्त को रजनीश गर्द स्वामी बजरंग देव निवासी पतंजलि योगपीठ ने बहादराबाद थाने में पतंजलि योगपीठ योगग्राम में इलाज के नाम पर अलग-अलग राज्यों के तीन लोगों से दो लाख की रकम ठग लेने की शिकायत दर्ज कराई थी।
एसपी सिटी ने बताया कि बहादराबाद पुलिस, साइबर सेल एवं सीआईयू की टीम गठित की गई थी। तफ्तीश के दौरान सामने आया कि पतंजलि योगपीठ योगग्राम की फर्जी वेबसाइट लंदन की आईपी से तैयार कराई गई थी।
संयुक्त पुलिस टीम ने दस अगस्त को बिहार के नवादा जिले के ग्राम सोहजाना में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर में दबिश देकर संचालक सुरेंद्र चौधरी पुत्र बिशुन चौधरी निवासी ग्राम कविरपुर थाना शेखुपुर सराय जिला शेखपुरा बिहार और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को स्थानीय सीजेएम कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर लेकर यहां लाया गया।
पंद्रह दिन में 16.50 लाख की ठगी
जामताड़ा वेबसीरीज की तर्ज पर कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। कॉल सेंटर संचालक आठवीं तक पढ़ा है लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोलता है। यही नहीं आमजन को ठगने के लिए मैसेज भेजने से लेकर हर कार्य अंग्रेजी में ही करता है। बकौल पुलिस कि आरोपी ने पिछले पंद्रह दिन में करीब 16.50 लाख की ठगी है।
लोगों की आईडी पर खुलवाए खाते
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने अलग-अलग राज्य में आमजन को प्रलोभन देकर उनकी आईडी प्रूफ पर खाते खुलवा रखे थे, जिसका संचालन वे लोग करते थे। बताया कि बैंक खातों में इन्होंने अपने मोबाइल फोन नंबर दर्ज कराए हुए थे और एटीएम कार्ड से आमजन से ठगी गई रकम निकाल लेते थे। फर्जी वेबसाइट पर बैंक खाते को स्थानीय दर्शाने के लिए बाकायदा आईएफएससी कोड को काउंटरफीट करते थे, जिससे की आमजन को बैंक खाता पतंजलि योगपीठ का होने का विश्वास हो जाता था।
पुलिस को मिले कई अहम सुराग आरोपियों के कब्जे से ठगी के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन से लेकर अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले है। गैंग में कई अन्य सदस्य भी शामिल हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं। आरोपी लंबे समय से इस गोरखधंधे में शामिल थे, जिसकी पूरी कुंडली खंगाल है।
दो मकान बनवाए, लग्जरी कारें खरीदीं आरोपी लंबे समय से पतंजलि योगपीठ के नाम पर ठगी कर रहा है, जिससे उसने अकूत संपत्ति अर्जित की। उसने ठगी गई रकम से दो शानदार मकान बनाए हैं और दो लग्जरी कार भी हाल ही में खरीदी हैं। पुलिस को उसके कब्जे से मिले मोबाइल फोन की बदौलत यह सब जानकारी हासिल हुई है। गैंग का नाबालिग सदस्य स्नातक की पढ़ाई कर रहा है।
साफ्टवेयर के जरिये करता था कॉल
गैंग का सरगना सुरेंद्र चौधरी बेहद शातिर है। एक सॉफ्टवेयर के माध्यम से वह लोगों से संपर्क साधता था। आमजन को सामान्य कॉल आती थी और मोबाइल फोन नंबर भी डिस्पले होता था। पर, ठगी होने के बाद आमजन जब पुलिस से शिकायत करते थे, तब उस मोबाइल फोन नंबर की लोकेशन विदेश में या देश के अलग अलग राज्य में आती थी जिसकी सेटिंग उसने सॉफ्टवेयर के माध्यम से की होती थी। पर, साइबर सेल एवं सीआईयू ने सूझबूझ का परिचय देते हुए आखिरकार प्रकरण का भंडाफोड़ कर ही दिया।
गैंगस्टर एक्ट में होगी कार्रवाई
गैंग के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है। गैंगस्टर की कार्रवाई कर आमजन को ठगकर अर्जित की गई संपत्ति, वाहन को कुर्क करेगी। यही नहीं बैंक खाते में भी सीज कर दिए गए हैं, जिससे की रकम को ट्रांसफर न किया जा सके।
ये हैं फर्जी वेबसाइट
patanjaliyoggramyogram@gmail.com, http://yogaonline.in