देहरादून: हर्षिता। उत्तरकाशी जिले में आसमान से आफत बरसी है. जिसके कारण 5 अगस्त को दोपहर में खीरगंगा नदी में बाढ़ आ गई. जिसके कारण धराली बाजार पूरी तरह से बर्बाद हो गया. धराली बाजार के होटल, घर मलबे में दबे हुये हैं. चारों ओर राहत बचाव कार्य के शोर के बीच एक अलग सी वीरानी से छाई हुई है. ये वीरानी चीख चीखकर आपदा की कहानी बयां कर रही है. धराली में इस समय रेस्क्यू ऑपरेशन चल रा है. सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमें राहत बचाव कार्ये में जुटी हैं. वहीं, इस बीच खबर आ रही है कि अभी गंगोत्री धाम में 300 यात्री हैं. ये सभी यात्री सुरक्षित हैं. इन सभी को सड़क खुलते ही बाहर निकाला जाएगा. ये जानकारी आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने दी है.

बता दें धराली से गंगोत्री जाते समय रास्ते में पड़ता है. चारधाम यात्रा के दौरान धाराली एक छोटे स्टे के रूप में काम करता है. यहां श्रद्धालु थोड़े समय के लिए रुकते हैं. गंगोत्री से पहले यहां रुक कर आराम करते हैं. धराली से गंगोत्री मंदिर करीब 11 किमी दूर है. इसलिए यह गंगोत्री जाने वाले यात्रियों के लिए एक सुविधाजनक पड़ाव है. जिसके कारण धराली चारधाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. इस पड़ाव के पूरी तरह से नष्ट होने के बाद गंगोत्री का रास्ता भी बाधित हुआ है. जिसके कारण श्रद्धालु गंगोत्री धाम में ही फंसे हुये हैं. प्रशासन की ओर से सभी के सुरक्षित होने की खबर दी गई है. साथ ही इन सबको निकालने का अपडेट भी दिया गया है.

बताया तो ये भी जा रहा है कि इन्हें भी हेलीकॉप्टर से वापस लाने पर विचार किया जा रहा है. इसके लिए सेना से चिनूक की डिमांड की गई है. आज सड़क मार्ग खुलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है. लिहाजा ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन हेलीकॉप्टर से पूरा करने की कोशिश हो रही है. अभी पहली प्राथमिकता प्रशासन और एनडीआरएफ को धराली पहुंचाने की है. इसके बाद गंगोत्री से धराली के बीच फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए हेली की मदद ली जा सकती है. जिलाधिकारी, हर्षिल CDO नेलांग पहुंचे है.

By DTI