हरिद्वार, दिव्य टाइम्स इंडिया।हरिद्वार में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। एक आदमी ने दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए अपने 15 साल के बेटे पर मुर्गे के खून को लगाकर खूनी चाल चली। लेकिन, पुलिस ने पूरा मामला पकड़ लिया है।
एक व्यक्ति ने अपने 15 वर्षीय बेटे के सिर पर मुर्गे के खून का इस्तेमाल कर चोट की झूठी कहानी गढ़ी थी। पूरी कहानी की असली यह थी कि व्यक्ति दूसरे पक्ष के लोगों पर चोट पहुंचाने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें झगड़े में शामिल होने पर फंसा सके। शिकायतकर्त ने हरिद्वार में एक फर्जी पुलिस मामला दर्ज कराया।
पुलिस के अनुसार, रविवार देर शाम गंगनहर थाना क्षेत्र के गुलाबनगर क्षेत्र में दो गुटों में जमकर लाठी-डंडे चले। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामला शांत कराया। पुलिस ने कहा, सोमवार को, जब एक पक्ष ने खुद को लगी चोटों के लिए एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस से संपर्क किया, तो दूसरे पक्ष ने जवाबी एफआईआर दर्ज करने के लिए चोटों का नाटक किया।
पुलिस ने कहा कि दूसरे पक्ष का एक व्यक्ति अपने 15 वर्षीय बेटे के साथ गंगानगर पुलिस स्टेशन पहुंचा और दूसरे पक्ष पर उन पर हमला करने और उनके बेटे को सिर में चोट पहुंचाने का आरोप लगाया। बाद में पुलिस ने 15 वर्षीय लड़के को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेजा। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि दूसरे पक्ष को झूठे मामले में फंसाने के लिए मुर्गे के खून का इस्तेमाल कर चोट की साजिश रची गई।
गंगनहर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ उप-निरीक्षक (एसएसआई) प्रदीप तोमर ने कहा कि जांच के दौरान, मेडिकल स्टाफ को लड़के के सिर पर कोई वास्तविक चोट नहीं बल्कि मुर्गे के बाल मिले । कर्मचारियों ने उसका सिर मुंडवा दिया, लेकिन कोई चोट नहीं दिखी। पूछताछ करने पर पता चला कि लड़के के पिता ने दूसरे पक्ष पर उसे चोट पहुंचाने का झूठा आरोप लगाने के लिए अपने बेटे के सिर पर मुर्गे के खून का इस्तेमाल किया था।
उन्हें भौतिक साक्ष्यों को गलत साबित करने के लिए चेतावनी दी है।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया है। उन्होंने कहा कि झड़प में शामिल दोनों पक्षों ने बाद में कानूनी कार्रवाई नहीं करने के लिए समझौता कर लिया।
आभार:हिन्दुस्तान टाइम्स