नई दिल्ली,दिव्या टाइम्स इंडिया आवास के सौंदर्यीकरण मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। इसको लेकर एजेंसी ने प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है। इससे पहले उपराज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री आवास सौंदर्यीकरण में हुए खर्च को संज्ञान में लिया था। केंद्रीय एजेंसी की इस कार्रवाई के बाद सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी ने कहा है कि इस जांच से कुछ नहीं निकलेगा। वहीं, भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल के एक और भ्रष्टाचार की सच्चाई सामने आएगी।
इन तमाम घटनाक्रमों के बीच हमें जानना चाहिए कि आखिर मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण मामले में अभी क्या हुआ है? आवास के सौंदर्यीकरण में भ्रष्टाचार का मामला है क्या? इसमें आरोप क्या लगे हैं? केस में अब तक क्या-क्या हुआ? आरोपों पर केजरीवाल का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण मामले में अभी क्या हुआ है?
केजरीवाल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से दिल्ली में 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित आधिकारिक आवास में रह रहे हैं। केजरीवाल के इसी बंगले के निर्माण में अनियमितता के आरोप लगे हैं। केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने अनियमितता के आरोपों की प्रारंभिक जांच शुरू की है। सीबीआई द्वारा यह जांच दिल्ली सरकार के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई है। मामले में एक नियमित एफआईआर दर्ज करने से पहले एजेंसी ने यह कदम उठाया है। प्रारंभिक जांच में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं या नहीं।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग से बंगले से संबंधित रिकॉर्ड जारी करने की मांग की है। इसके साथ ही एजेंसी ने पीडब्ल्यूडी से कागजात पेश करने को कहा है कि परियोजना को कैसे मंजूरी दी गई थी। जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की ओर से विभाग को कागजात पेश करने के लिए 26 सितंबर तक का समय दिया गया था।
आवास के सौंदर्यीकरण में भ्रष्टाचार का मामला है क्या?
दिल्ली सीएम के आवास के सौंदर्यीकरण में कथित भ्रष्टाचार का मामला इसी साल अप्रैल में पहली बार सामने आया। भाजपा ने दावा किया था कि केजरीवाल ने अपने आधिकारिक आवास के सौंदर्यीकरण के लिए करीब 45 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि आवास के लिए खरीदे गए आठ नए पर्दों में से एक की कीमत 7.94 लाख रुपये से अधिक है, जबकि सबसे सस्ता पर्दा 3.57 लाख रुपये का है। दस्तावेजों का हवाला देते हुए पात्रा ने कहा था कि 1.15 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के संगमरमर वियतनाम से लाए गए थे। वहीं, पहले से बनीं लकड़ी की दीवारों पर चार करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
भाजपा ने दावा किया था कि यह नवीकरण नहीं बल्कि पुराने की जगह नया ढांचा तैयार किया गया है। इसमें उनका कैंप कार्यालय भी है। इस मामले में दस्तावेज से पता चलता है कि 43.70 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के बजाय सिविल लाइंस के 6, फ्लैगस्टाफ रोड स्थित केजरीवाल के सरकारी आवास की शक्ल बदलने पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। दस्तावेज में नौ सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच छह बार में राशि खर्च की गई।
आरोपों पर केजरीवाल ने क्या कहा है?
इस मामले में गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, ‘इससे पता चलता है कि पीएम घबराए हुए हैं, यह पहली पूछताछ नहीं है। पहले ही 50 से अधिक बार पूछताछ की जा चुकी है।’ उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ 33 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, वे पिछले 8 साल से जांच कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं मिला। इसलिए उन्होंने ये नई जांच शुरू की है, इसका भी स्वागत है, इस जांच में भी कुछ नहीं मिलेगा।
हालांकि, इससे पहले आप ने कहा था कि मुख्यमंत्री आवास करीब 80 साल पहले 1942 में बना था। सीएम हाउस में छत गिरने की तीन गंभीर घटनाएं हुईं और इसके पुनर्निर्माण की नौबत आई। PWD विभाग की सिफारिश पर 30 करोड़ रूपये की लागत से यह काम किया गया।