देवेश आदमी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वह 1 महीने से शासन प्रसासन से गुहार लगा रहा हूँ कि रिखणीखाल में चल रहे जानलेवा बुखार की जांच करें। जिस वावत CMO पौडी, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड, विधायक लैंसडोन, ADM पौड़ी व BDO रिखणीखाल को पत्र लिख चुका हूँ। बुखार के कारण रिखणीखाल के अनेकों लोगों ने जान गंवा दिया हैं चिकित्सा के नाम पर आस्वासन के अलावा कुछ नही मिल रहा। क्षेत्र में टीकाकरण अभियान को अधर में छोड़ा गया हैं दुरस्त क्षेत्र के ग्रामीण टीकाकरण से वंचित हैं 18 वर्ष से अधिक उम्र के युवाओं को अभी तक टीके नही लगे। रिखणीखाल के डिस्पेंसरियों में दवाइयों व कर्मचारियों का अभाव हैं विकास सिर्फ कागजों में हो रहा हैं जनप्रतिनिधि कोटद्वार में समाज सेवा का ढोंग कर रहे हैं। नीति सोशलमीडिया पर बन रही हैं विकास अखबारों में छप रहा हैं।
वर्तमान स्थिति यह हैं कि 18 लोगों ने अपनी जान गंवा दिया हैं। जिन के जांच आजतक नही हुई मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा हैं। नोडल अधिकारियों की नियुक्ति खानापूर्ति के लिए किया गया हैं। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए कोई सुरक्ष कवच नही हैं जिस कारण अधिकारी जांच करने से कतरा रहे हैं। सामाजिक पत्रकार लगातार क्षेत्र में फैली बुखार के लिए आवाज उठा रहे हैं किंतु प्रसासन अघोरी बना बैठा हैं। लोकड़ाऊं सिर्फ दुकान बंद करने तक सीमित हैं सुविधाओं के नाम पर फुसससससस। बैठकों का कोई रिजल्ट नही निकल रहा जिस कारण स्थानीय लोगों में दहशत फैला हुआ हैं। अब समय बगलें झांकने का नही हैं सिर्फ बैठकों से खानापूर्ति न करें परिणाम धरातल पर भी दिखना चाहिए। जब तक लोगों को राहत न मिलेगी कुछ दिन हाथ पांव हिलाएं 2022 नजदीक हैं वोट देने वाला जिंदा रहेगा तोचुनाव भी होते रहेंगे।