उत्तरकाशी दिव्या टाइम्स इंडिया।दिवाली के दिन जब हादसा हुआ और मजूदर टनल में फंसे तो स्थानीय लोगों ने कार्यदायी कंपनी पर बौखनाग देवता की अवहेलना करने का आरोप लगाया। वाण और मंजगांव के लोगों ने कहा कि जिस स्थान पर टनल का काम शुरू किया गया, वहां पर टिन से बना बाबा का मंदिर था, जिसे कंपनी ने हटाकर टनल के अंदर रख दिया था।

उनका दावा था कि बाबा के रोष के चलते मजूदर टनल में फंसे हैं। शुरुआती दौर में किसी ने लोगों की बातों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब रेस्क्यू अभियान में लगातार बाधाएं आने लगीं तो बाबा की शरण में भी जाना पड़ा। बाबा के मंदिर को टनल के बाहर रखा गया।

बाबा की डोली को भी सुरंग में लाया गया। तीन दिन पहले कार्यदायी कंपनी के प्रतिनिधि भाटिया गांव पहुंचे और बाबा के पश्वा से क्षमा याचना की गई। बाबा ने तीन दिन में अभियान सफल होने का वचन दिया।

बाबा के वचनों के अनुसार मंगलवार दोपहर बाद पाइप आर-पार हुआ। यही नहीं, रोजाना काम शुरू करने से पहले बाबा की पूजा- अर्चना की जाती रही। इसके साथ ही केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, सीएम धामी समेत वीवीआईपी बाबा के मंदिर में नत्मस्तक होते दिखे। आस्ट्रेलिया से आए टनल विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने भी देवता की पूजा-अर्चना की।

जब सड़क बनी, तब भी आई थी बाधाएं

स्थानीय लोग बताते हैं जब धरासू से बड़कोट के लिए सड़क बनी, तब भी यहां काम में बाधा आई थी। सिलक्यारा तक तो सड़क बन गई थी, लेकिन इससे आगे लगातार बाधाएं आने लगीं, तब भी देर लेख के कहने पर सड़क का समरेखण बदलना पड़ा और राडी टॉप से सड़क ले जानी पड़ी। ठेकेदार ने राडी टॉप पर बाबा बौखनाग का मंदिर भी बनवाया था।

By DTI