अमृतसर, अश्वनी शर्मा। पंजाब की अमृतसर लोकसभा सीट हॉट सीट मानी जाती है। लंबे समय से इस सीट का इतिहास रहा है कि जिस भी पार्टी का उम्मीदवार अमृतसर से लोकसभा का सांसद चुना जाता रहा है, केंद्र में उसकी सरकार नहीं बनती है।
अमृतसर सीट पर विरोधी पार्टी का सांसद जीतने का खमियाजा हमेशा क्षेत्र को भुगतना पड़ता रहा है। चुने गए सांसद हमेशा यही बात लोगों के सामने कहते हैं कि केंद्र में विरोधी पार्टी होने के कारण अमृतसर को बजट व अन्य योजनाओं के तहत बढ़िया प्रोजेक्ट नहीं मिल पाए हैं, जिस कारण अमृतसर संसदीय क्षेत्र अन्य संसदीय क्षेत्रों के विकास के मुकाबले में काफी पिछड़ गया है।
वर्ष 1999 में इस सीट पर कांग्रेस के रघुनंदन लाल भाटिया को जीत मिली थी। तब देश में वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा सरकार बनी थी। वर्ष 2004 से 2009 तक इस सीट से भाजपा के नवजोत सिंह सिद्धू सांसद रहे। तब डॉ. मनमोहन सिंह की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार केंद्र में रही। 2014 में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह सांसद बने थे। तब केंद्र में भाजपा की सरकार रही।
2017 में लोक सभा के उप चुनाव में कांग्रेस के गुरजीत औजला जीते तब भी केंद्र में भाजपा की सरकार थी। इसी तरह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के गुरजीत सिंह औजला जीते, तब भी केंद्र में भाजपा की सरकार रही। इस लिए पिछले करीब 20 वर्षों से अमृतसर से जीतने वाले सांसद हमेशा लोगों के समक्ष यही बोलते सुने गए कि केंद्र में विरोधी पार्टी की सरकार है इस लिए अमृतसर के लिए आवश्यक फंड और प्रोजेक्ट मुहैया नहीं करवाए जाते है