पिथौरागढ़, दिव्या टाइम्स इंडिया। उत्तराखंड में सबको दंग करने वाला मामला सामने आया है। दो साल पहले पुलिस जिस आरोपी को मृत घोषित किया था वो अचानक ही जिंदा हो उठा। मुखबिर की सूचना पर ने आरोपी को 15 साल बाद आखिरकार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
यह मामल पिथौरागढ़ जिले में सामने आया है। धोखाधड़ी के एक आरोपी को पुलिस ने वारदात के 15 साल बाद गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी को दो साल पूर्व ही मृत घोषित कर दिया गया था। घटना को अंजाम देने के बाद से आरोपी नेपाल में रह रहा था।
मुखबिर की सूचना पर पत्नी से मिलने पहुंचे आरोपी को पुलिस पकड़ लिया। पुलिस के मुताबिक नगर के गांधी चौक के व्यापारी मोहम्मद अजमल ने 14 अप्रैल 2008 को तहरीर दी। उनका कहना था कि उनके यहां पुनेड़ी महर निवासी दिनेश चंद्र पुनेठा चालक का काम करता था।
आरोप है कि दिनेश ने उनके साथ दो लाख 75 हजार रुपये की धोखाधड़ी की। तहरीर के आधार पर पुलिस ने दिनेश के खिलाफ भादवि की धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज किया। एक वर्ष बाद भी आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं आया। मार्च 2009 में पुलिस ने आरोपी पर दो हजार का ईनाम भी रखा।
इसके बाद भी आरोपी में पुलिस के हाथ नहीं आया। वर्ष 2022 आरोपी की पत्नी की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र पेश करने पर दिनेश को मृत घोषित किया गया। लेकिन बीते दिनों आरोपी गुपचुप तरीके से अपनी पत्नी से मिलने पहुंचा तो मुखबिर से पुलिस को सूचना दे दी और आरोपी पकड़ा गया।
एसपी रेखा यादव और सीओ परवेज अली ने आरोपी को पकड़ने वाली टीम की सराहना की है। टीम में वरिष्ठ उपनिरीक्षक महेश चंद्र जोशी, हेड कांस्टेबल आन सिंह, हेम चन्द्र सिंह, कांस्टेबल पंकज पंगरिया, ध्रुव सिंह शामिल रहे।
आरोपी ने नेपाल में भी दूसरा विवाह किया हुआ है। वह यहां अपनी पहली पत्नी से मिलने के मकसद से आया हुआ था।