दिव्या टाइम्स इंडिया। देश में लोकसभा चुनाव को लेकर जबरदस्त माहौल है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियां अपने-अपने चुनावी अभियान में जुटी हुई है. एक तरफ बीजेपी और पीएम मोदी ने 400+ सीटों का दावा ठोक रखा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी बीजेपी को रोकने के लिए पूरा दमखम लगा रही है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी-NDA को 400 सीटें जीतने के लिए उसके पिछले प्रदर्शन को बरकरार रखते हुए और ज्यादा सीटें जीतने की जरूरत होगी. हालांकि बीजेपी के लिए ये राह आसान नहीं दिख रही है.
पिछले चुनाव में जहां पार्टी ने कई राज्यों में लगभग क्लीन स्वीप किया था लेकिन उन राज्यों में इस बार के चुनाव में पार्टी का खेल बिगड़ता दिख रहा है. ऐसा ही एक राज्य है राजस्थान जहां पिछले चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से 24 सीटों पर एकतरफा कब्जा जमाया था राजस्थान के लिए आए डीटी आई न्यूज़ पोल एजेंसी द्वारा राजस्थान के प्रमुख पत्रकारो के साथ मिल कर पोल ऑफ पोल्स में तो कम से कम इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा है.
राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर पोल् ऑफ पोल्स के मुताबिक, प्रदेश में बीजेपी को भारी नुकसान होता दिख रहा है, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस को फायदा मिलता नजर आ रहा है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से बीजेपी-NDA को 17 से 19 सीटें तो वहीं विपक्षी INDIA ब्लॉक को 6 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है. इन आंकड़ों में कांग्रेस पार्टी को 4-6 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है.
राजस्थान में लोकसभा चुनाव को लेकर किए पोल के मुताबिक, प्रदेश में बीजेपी को भारी नुकसान होता दिख रहा है, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस को फायदा मिलता नजर आ रहा है. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों में से बीजेपी-NDA को 17 से 19 सीटें तो वहीं विपक्षी INDIA ब्लॉक को 6 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है. इन आंकड़ों में कांग्रेस पार्टी को 4-6 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है.कांग्रेस ने 22 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि नागौर और सीकर सीट गठबंधन के तहत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) और माकपा के लिए छोड़ी है. पार्टी ने बांसवाड़ा सीट पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
चूरू सीट से कांग्रेस ने राहुल कस्वां को मैदान में उतारा है। वह पिछले दो चुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर जीते थे, लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी से मैदान में है। उनका सीधा मुकाबला पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया से है, लेकिन यहां कस्वां का पलड़ा भारी नजर आ रहा है ।
राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से इस बार चूरू, कोटा-बूंदी, सीकर, नागौर, बांसवाड़ा और बाड़मेर सीटों पर मुकाबला रोचक या कड़ा रहने की उम्मीद है. बाड़मेर में निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी के लोकसभा चुनाव के समर में उतरने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. कांग्रेस ने चूरू,कोटा-बूंदी और बाड़मेर में दूसरी पार्टी से आए नेताओं को टिकट दिया है. वहीं भाजपा ने बांसवाड़ा में कांग्रेस से आए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मैदान में उतारा है.
इस बार भाजपा फिर अकेले चुनाव लड़ रही है तो हनुमान बेनीवाल की आरएलपी ने इस बार नागौर की उसी सीट पर कांग्रेस से हाथ मिला लिया है. कांग्रेस पिछले दो लोकसभा चुनावों में एक भी सीट नहीं जीत पाई है, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव के समय वह राज्य में सत्ता में थी.।
उत्तरी राजस्थान की चूरू सीट जाट बहुल इलाका है और दोनों पार्टियों के उम्मीदवार जाट समुदाय से हैं. चूरू लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा क्षेत्रों में से पांच पर कांग्रेस के विधायक हैं. भाजपा के पास दो और बसपा के पास एक सीट है. लोकसभा क्षेत्र में मजबूत स्थिति के बावजूद, कांग्रेस ने अपनी पार्टी के किसी नेता को टिकट देने के बजाय भाजपा छोड़कर आए कस्वां पर भरोसा किया. यह अलग बात है कि इस बार कस्वां के लिए हालात और पार्टी अलग है.इस बार जाट sc, के ज्यादातर वोट कास्वा को मिलने की बात कही जा रही है जब कि मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका अदा करेगी 90 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं के कांग्रेस में पक्ष में वोट करने की संभावना जताई जा रही है।अब यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा किसको कितनी सीट मिलेंगी