मुंबई, दिव्या टाइम्स इंडिया। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में चार साल की दो बच्चियों के यौन शोषण ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। स्कूल में यौन शोषण की शिकार हुईं लड़कियों में से एक के परिवार के सदस्य ने स्कूल प्रशासन और पुलिस पर घोर लापरवाही और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। परिवार के सदस्य ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रिंसिपल ने यौन उत्पीड़न की पुष्टि करने वाली मेडिकल रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि प्रिसिंपल ने मेडिकल रिपोर्ट को मानने के बजाय कहा कि लड़की को साइकिल चलाने के कारण उसके निजी अंगों में चोटें आई होंगी।
परिवार के सदस्य ने यह भी कहा कि लड़की के माता-पिता को अस्पताल और पुलिस स्टेशन दोनों जगह लंबे समय तक इंतजार करने के लिए मजबूर किया गया। कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों ने उन्हें धमकाया भी और मामले को लेकर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन में भाग न लेने के लिए कहा था। पिछले सप्ताह जिस स्कूल में यह घटना हुई थी, आरोपी उसमें सहायक के रूप में कार्यरत था। चार साल की दो बच्चियों के यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति की पुलिस हिरासत की अवधि एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को 26 अगस्त तक बढ़ा दी।
बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर को घटना के बारे में बताया गया था, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि होने के बावजूद प्रिंसिपल और टीचर ने दावा किया कि हो सकता है चोट स्कूल के बाहर लगी हो या साइकिल चलाते समय लगी हो। लड़की के माता-पिता ने स्कूल से यह भी पूछा कि जब बच्चे शौचालय का इस्तेमाल कर रहे थे, तो वहां कोई महिला कर्मचारी क्यों नहीं थी। आरोपी ने शौचालय में ही दोनों लड़कियों का यौन शोषण किया। परिवार के सदस्य ने दावा किया कि उन्हें पता चला कि स्कूल में पहले अगला भी एक छात्रा के साथ यौन शोषण की घटना हुई थी। परिवार के लेख सदस्य ने आरोप लगाया कि हमें पता चला कि उसी स्कूल के एक. पुरुष शिक्षक ने कक्षा 8 की एक लड़की के साथ ऐसा ही अपराध किया था।
परिवार ने एक महिला पुलिसकर्मी पर इस घटना को छुपाने के लिए स्कूल प्रबंधन के साथ गुप्त बैठक करने का भी आरोप लगाया है। इस बैठक के बाद, अधिकारी ने कथित तौर पर मेडिकल साक्ष्य के बावजूद परिवार के दावों को खारिज कर दिया। परिवार के सदस्य ने बताया कि उनसे उन्होंने हमसे कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी और उसने हमसे झूठी कहानी न फैलाने को कहा।
इन आरोपों से बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई शुरुआती कार्रवाई पर नए सवाल खड़े होते हैं। बदलापुर के एक स्कूल में 12-13 अगस्त को तीन और चार साल की दो अगला लड़कियों के साथ एक सफाई कर्मचारी ने यौन शोषण किया था। लड़कियों में से एक के परिवार ने उसे मेडिकल जांच के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। रिपोर्ट में लड़कियों के निजी अंगों पर चोटों की पुष्टि होने के बाद, परिवार 16 अगस्त को रिपोर्ट लेकर स्कूल गया, लेकिन स्कूल ने इसे खारिज कर दिया।
परिवार के सदस्य ने बताया कि बाद में वे रिपोर्ट दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गए। हालांकि, उनकी शिकायतों को तुरंत गंभीरता से नहीं लिया गया। 12 घंटे लग गए और स्थानीय महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार एफआईआर दर्ज की गई। परिवार के सदस्य ने आरोप लगाया कि इसके बाद भी पुलिस ने एफआईआर में उनके बयान में कई बदलाव किए।
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आरोपी की पहचान अक्षय शिंदे के रूप में हुई है, जिसे 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, परिवार के सदस्य ने कहा कि लड़की और उसके माता-पिता को अस्पताल और पुलिस स्टेशन दोनों में लंबे समय तक इंतजार करना पड़ा। परिवार के सदस्य ने कहा कि उन्हें 17 अगस्त को सुबह 9 बजे सरकारी अस्पताल में मेडिकल टेस्ट के लिए जाना था, लेकिन पुलिस सुबह 11.45 बजे ही पहुंची। बच्ची और उसके पिता और गर्भवती मां को घंटों इंतजार करना पड़ा।
परिवार के सदस्य ने बताया कि पूरा परिवार अब गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा है, लड़की सदमे में है और किसी से मिलने से इनकार कर रही है। उसकी गर्भवती मां बहुत बीमार है, उसे अस्पताल और पुलिस स्टेशन के बीच भागना पड़ रहा है। पिता बिस्तर पर है, और परिवार चल रही पुलिस पूछताछ से परेशान है। पुलिस द्वारा मामले को संभालने और स्थानीय अधिकारियों द्वारा