हरिद्वार: चैत्र नवरात्रि के साथ ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हुई. इसके साथ ही हरिद्वार के शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप हिंदू नव वर्ष के मौके पर तीन संकल्प लेकर नए वर्ष की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा लिए गए इन तीन संकल्प पर लोगों को जोड़ा जाएगा और उत्तराखंड में इन तीन विषयों पर अब कार्य किया जाएगा.
स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि आज उत्तराखंड को देव भूमि घोषित करने, हिमालय को देवालय बनाने, भारत को हिंदूराष्ट्र बनाने के तीन संकल्प लिए गए. चूंकि उत्तराखंड एक देवभूमि है. सदियों से लोग जानते हैं कि हिमालय, ऋषियों के रहने, उनके साधना, ध्यान, शोध का स्थान है. एक सुनियोजित तरीके से देवभूमि को दूषित किया गया. यह उत्तराखंड ही नहीं, पूरे संपूर्ण दुनिया में रहने वाले हिंदुओं पर एक तरह का धब्बा है.
स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने आगे कहा कि, नवरात्र का जब अनुष्ठान होता है. कलश स्थापना होती है, संकल्प होते हैं तो उसमें संकल्प लिया है कि पूरे उत्तराखंड में देव कानून बनाकर देवभूमि घोषित किया जाए. जिससे कि ऋषियों की इस पवित्र भूमि पर मांस और मदिरा और गैर हिंदुओं का भी पूर्णतः निषेध हो सके.
हालांकि उन्होंने साफ किया कि, वह किसी के आने जाने पर प्रतिबंध की मांग नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि, पूजा-पाठ उन्हीं लोगों का हो, जो धर्म में विश्वास करते हैं. दुनिया के तमाम ऐसे देश हैं जो अपने लिए एक संरक्षित भूमि खोजते है. ये कोई नई मांग नहीं है. यह मांग हिंदू महासभा के बैनर तले पंडित मदन मोहन मालवीय ने अंग्रेजों की सत्ता के दौरान भी की थी.यह एक संस्कृति के संरक्षण की मांग है.
उन्होंने कहा कि, उम्मीद है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अवश्य सुनेंगे.
- संपूर्ण उत्तराखंड प्रदेश को देवभूमि प्रदेश कानूनी रूप से घोषित कर मांस, मदिरा और गैर हिंदू का निवास पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए उत्तराखंड सरकार.
- हिमालय को हिंदुओं का देवालय घोषित कर संरक्षित करे उत्तराखंड सरकार.
- भारत को पूर्ण हिंदूराष्ट्र बनाने का संकल्प.