देहरादून, नवीन उनियाल: उत्तराखंड में साल 1986 के बाद अब जाकर वक्फ़ संपत्तियों का सर्वे होने जा रहा है. खास बात ये है कि इसके लिए राज्य कर्मचारियों को दिल्ली में ट्रेनिंग दी जाएगी. इसमें न केवल वक्फ संपत्तियों के रिकॉर्ड को भारत सरकार के पोर्टल में अपडेट या दर्ज करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा बल्कि सर्वे करने से जुड़े बिंदुओं की भी ट्रेनिंग दी जाएगी.
उत्तराखंड में फिलहाल वक़्फ़ संपत्तियों को लेकर कोई सटीक या स्पष्ट जानकारी नहीं है. शायद यही कारण है कि 1986 के बाद अब एक बार फिर वक्फ संपत्तियों को लेकर सर्वे होने जा रहा है. मौजूदा समय में करीब 2000 वक्फ संपत्तियों के होने की बात कही जाती हैं, जोकि विभिन्न भवनों और जमीनों के रूप में अलग-अलग रूप से इनकी संख्या 5000 से ज्यादा बताई जाती है.
राज्य में वक्फ संपत्तियों का सर्वे एक निश्चित प्रारूप में किया जाएगा. जिसके लिए कर्मचारियों को दिल्ली में ट्रेनिंग भी दी जाएगी. खास बात यह है कि इसके लिए चार कर्मचारियों का चयन किया गया है. ये कर्मचारी 26 से 28 मई तक दिल्ली में होने वाले ट्रेनिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे. वैसे तो ट्रेनिंग का मॉड्यूल पहले से ही तय है. इसमें उन सभी बातों को शामिल किया गया है. जिसकी वक्फ संपत्तियों के सर्वे और रिकॉर्ड के रूप में तैयार करने के लिए जरूरत होगी.
सर्वे के दौरान वक्फ संपत्तियों कहां-कहां पर हैं यह देखा जाएगा. इसके अलावा लेखा-जोखा तैयार करते समय मौजूदा स्टेटस की भी जानकारी ली जाएगी. यानी यह संपत्ति किसके कब्जे में है? क्या कोई कानूनी प्रक्रिया इस पर गतिमान है या नहीं.? इतना ही नहीं वक्फ संपत्ति का कितना एरिया है? इसका बाजार मूल्य और सर्किल रेट फिलहाल कितना है? इन सब सवालों को भी इसमें जोड़ा जाएगा.
इससे हटकर भारत सरकार ने वक्फ संपत्तियों को लेकर रिकॉर्ड तैयार करने के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया है. इस पोर्टल में राज्य में स्थित सभी संपत्तियों की जानकारी साझा की जाएगी. खास बात यह है कि दिल्ली में ट्रेनिंग लेने के बाद यह सभी कर्मचारी दूसरे कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग की जानकारियां दे सकेंगे. भविष्य में सर्वे होने के बाद सभी रिकॉर्ड्स भारत सरकार के पोर्टल में डाले जाएंगे.
इस मामले में तमाम जिलों के जिलाधिकारी भी काफी समय से होमवर्क कर रहे हैं. विभिन्न विभागों की भी जिलाधिकारी के स्तर पर बैठके ली गई है. जिससे वक्फ संपत्तियों को लेकर विभिन्न विभागों से भी स्थिति स्पष्ट की जा सके. अल्पसंख्यक कल्याण सचिव धीराज सिंह ने बताया निश्चित समय पर ट्रेनिंग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कर्मचारियों का चयन किया गया है. यह कर्मचारी भारत सरकार की ट्रेनिंग में शामिल होने के बाद राज्य में दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करेंगे.