हरिद्वार/देहरादून हर्षिता।कांवड़ यात्रा से पहले उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कांवड़ मार्ग पर स्थित सभी होटल और ढाबा संचालकों के लिए फूड लाइसेंस और पहचान पत्र रखना अनिवार्य कर दिया है। सरकार का साफ कहना है कि श्रद्धालुओं की आस्था से किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस आदेश के अनुसार, कांवड़ पटरी पर दुकानदारों को अपनी दुकान पर फूड लाइसेंस या पंजीकरण सर्टिफिकेट के साथ पहचान पत्र भी प्रदर्शित करना होगा।

“बीते कुछ समय में थूक जिहाद जैसी घटनाएं सामने आई थीं। भोजन को जानबूझकर अशुद्ध करना देवभूमि में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। हमने पहले भी कार्रवाई की थी और आगे भी सख्त एक्शन लिया जाएगा।”
— पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

🔎 क्यों लिया गया ये फैसला?

सीएम धामी ने कहा कि 11 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में इस बार चार करोड़ से अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच सकते हैं। इसे देखते हुए सरकार कोई चूक नहीं चाहती। जल्द ही मुख्यमंत्री हरिद्वार में अधिकारियों और व्यापारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे।

📜 पहले क्या हुआ था?

पिछले वर्ष भी ऐसा ही आदेश जारी हुआ था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था। इस बार फिर आदेश जारी हुआ, हालांकि शुरुआत में फोटो पहचान पत्र की अनिवार्यता थी, जिसे बाद में संशोधित कर हटाया गया।


🧾 सारांश: उत्तराखंड सरकार का यह फैसला श्रद्धालुओं की सुरक्षा और आस्था की रक्षा के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री का सख्त संदेश है — “आस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”

By DTI