हरिद्वार/देहरादून: हर्षिता।हरिद्वार नगर निगम के बहुचर्चित 54 करोड़ के भूमि घोटाले में अब कार्रवाई की रफ्तार तेज हो गई है। जल्द ही इस मामले में दो आईएएस, एक पीसीएस और आठ अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट थमाई जाएगी। चार्जशीट की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और अब सिर्फ औपचारिक मुहर बाकी है।
बड़े अधिकारियों को कार्मिक विभाग, बाकी को शहरी विकास विभाग देगा चार्जशीट
सूत्रों के मुताबिक, घोटाले में शामिल तीन वरिष्ठ अधिकारियों को कार्मिक विभाग द्वारा चार्जशीट दी जाएगी। वहीं, अन्य आठ कर्मचारियों और अफसरों पर कार्रवाई शहरी विकास विभाग के स्तर से की जाएगी। इन विभागों ने चार्जशीट से पहले की सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं।
नामजद अफसरों में दो IAS और एक PCS अधिकारी शामिल
इस मामले में आरोपी बनाए गए कुल 11 लोगों में से प्रमुख नाम हैं — IAS कर्मेंद्र सिंह, IAS वरुण चौधरी और PCS अजयवीर। इन तीनों को कार्मिक विभाग द्वारा आरोप पत्र सौंपा जाएगा। बता दें, मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इसके लिए अंतिम स्वीकृति ली जा रही है।
चार्जशीट मिलने के बाद देना होगा लिखित जवाब, जांच करेगा वरिष्ठ अधिकारी
चार्जशीट जारी होने के बाद सभी आरोपियों को निर्धारित बिंदुओं के आधार पर लिखित जवाब दाखिल करना होगा। जवाबों के आधार पर जांच अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। चूंकि मामला DM स्तर के अधिकारियों से जुड़ा है, ऐसे में जांच प्रमुख सचिव या वरिष्ठ सचिव स्तर का अफसर हो सकता है।
क्या है हरिद्वार का 54 करोड़ का भूमि घोटाला?
मामला हरिद्वार में 54 करोड़ रुपये की भूमि खरीद से जुड़ा है, जिसमें न शासन की मंजूरी ली गई और न ही नियमों के मुताबिक समितियों का गठन हुआ। नियमन की अनदेखी कर सीधे जमीन खरीदी गई, जिससे संदेह की सुई सीधे उच्च अधिकारियों की ओर घूम गई।
मुख्य सचिव ने दी प्रतिक्रिया
मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने पुष्टि की कि “हरिद्वार भूमि प्रकरण से जुड़े चार्जशीट के प्रस्ताव को उच्च स्तर पर भेजा जा चुका है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”