लक्सर। हर्षिता ।उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल के निर्देशन में आज लक्सर में नशा मुक्ति एवं उसके दुष्प्रभावों के प्रति जन-जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, औषधि मानक नियंत्रण संगठन एवं न्यायिक अधिकारियों की संयुक्त टीम के सहयोग से संपन्न हुआ।

कार्यक्रम के अंतर्गत जन-जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसे लक्सर बालावाली रोड से तहसील लक्सर तक निकाला गया। रैली में के.वी. इंटर कॉलेज एवं आई.पी. इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं, अध्यापकगण, आमजन, अधिवक्ताओं तथा मेडिकल स्टोर संचालकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

रैली के उपरांत तहसील सभागार, लक्सर में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें फेरुपुर, धनपुरा, शाहपुर, बादशाहपुर, सुल्तानपुर, भिक्कमपुर, रायसी, लक्सर एवं खानपुर क्षेत्रों से मेडिकल स्टोर संचालक भी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

मिली जानकारी के अनुसार यह जागरूकता अभियान लक्सर, हरिद्वार एवं रुड़की क्षेत्रों में समान रूप से संचालित किया गया। रैली और कार्यक्रम में विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, मेडिकल स्टोर संचालकों एवं आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। विशेषज्ञों ने उपस्थित जनसमूह को नशे के दुष्परिणामों के विषय में विस्तार से अवगत कराया और सभी को नशे से दूर रहने का संदेश दिया।

इस अवसर पर न्यायिक अधिकारी श्री अनुराग त्रिपाठी एवं श्रीमती ललिता सिंह, उप जिलाधिकारी श्री सौरव असवाल, स्वास्थ्य विभाग लक्सर से श्री सईद रफी अहमद, ड्रग्स इंस्पेक्टर सुश्री मेघा, ड्रग्स इंस्पेक्टर श्री हरीश तथा डीएससीओ के अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के दौरान ड्रग्स इंस्पेक्टर सुश्री मेघा आनंद ने बताया कि यह अभियान माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार पूरे जनपद में संचालित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य समाज को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि “नशा व्यक्ति की बुद्धि और विवेक को नष्ट कर देता है, जिसके कारण समाज में गंभीर दुष्परिणाम देखने को मिलते हैं।”

ड्रग्स विभाग की टीम ने मेडिकल स्टोर संचालकों को भी रैली में भाग लेने हेतु आमंत्रित किया तथा उन्हें सख्त चेतावनी दी कि वे अपने प्रतिष्ठानों में नशे से संबंधित या प्रतिबंधित दवाइयों का भंडारण या बिक्री न करें। इस अवसर पर लक्सर, सुल्तानपुर एवं धनपुरा क्षेत्र के मेडिकल स्टोर संचालकों को एकत्रित कर निर्देशित किया गया कि वे दवाओं के दुरुपयोग को रोकने में प्रशासन का सहयोग करें और नशा मुक्ति की इस मुहिम में भागीदार बनें।

सभी मेडिकल संचालकों को स्पष्ट कर दिया गया कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी भी प्रतिष्ठान पर प्रतिबंधित दवाइयाँ पाई जाती हैं, तो संबंधित संचालक के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ड्रग्स विभाग की संयुक्त टीम ने यह भी बताया कि इस प्रकार के निरीक्षण एवं जन-जागरूकता अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेंगे, ताकि समाज को नशा मुक्त एवं स्वस्थ बनाया जा सके।

By DTI