हरिद्वार, 04 नवम्बर 2025 –
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार राज्य स्थापना रजत जयंती सप्ताह के अवसर पर जनपद हरिद्वार में युवाओं और महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने हेतु विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिवालिक नगर फेस-1 स्थित सामुदायिक केंद्र में आयोजित स्वरोजगार ऋण मेला, बुनकर सम्मेलन एवं गोष्ठी में विभिन्न विभागों द्वारा स्वरोजगार योजनाओं की जानकारी दी गई तथा पात्र लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र और प्रोत्साहन सामग्री वितरित की गई।
कार्यक्रम में एक करोड़ बीस लाख रुपये के चेक वितरित
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 10 लाभार्थियों को 10-10 लाख रुपये के कुल 12 चेक, अर्थात एक करोड़ बीस लाख रुपये की राशि वितरित की गई। इसके साथ ही योजना के तहत 50 से अधिक नए आवेदकों का पंजीकरण भी किया गया। कार्यक्रम के दौरान बुनकर एवं माटीकला समुदाय से जुड़े कारीगरों को सम्मानित किया गया, जिनमें उत्कृष्ट कार्य करने वाले कारीगरों को स्मृति चिन्ह एवं शॉल भेंट किए गए।

मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को बढ़ावा
महाप्रबंधक उद्योग उत्तम कुमार तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा के अनुरूप प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर युवा स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बने और उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करे।
विभागों द्वारा दी गई योजनाओं की विस्तृत जानकारी
कार्यक्रम में अधिकारियों द्वारा विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई जिनमें –
पीएमईजीपी, एमएसएमई नीति 2023, मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, स्टार्टअप पॉलिसी, पीएम विश्वकर्मा योजना, एक्सपोर्ट पॉलिसी, मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना और प्राइवेट इंडस्ट्रियल पॉलिसी प्रमुख रहीं।
महाप्रबंधक उद्योग ने बताया कि राज्य गठन से अब तक सिडकुल में हजारों औद्योगिक इकाइयों की स्थापना कराई जा चुकी है, जिससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। साथ ही हजारों इकाइयों को कैपिटल सब्सिडी, इंटरेस्ट सब्सिडी, विद्युत बिल सब्सिडी, भूमि व स्टाम्प ड्यूटी सब्सिडी तथा डीपीआर सब्सिडी जैसी सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि के अनुरूप इस आयोजन का उद्देश्य है — राज्य में उद्यमिता विकास, पारंपरिक हुनर का संरक्षण तथा स्थानीय युवाओं व कारीगरों को स्वरोजगार से जोड़ना, ताकि उत्तराखंड आत्मनिर्भरता की दिशा में और सशक्त कदम बढ़ा सके।
इस अवसर पर क्षेत्रीय प्रबंधक सिडकुल, बैंकर्स, सेवायोजन विभाग, खादी ग्रामोद्योग, ग्राम्य विकास अभिकरण, होम्योपैथिक विभाग, औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि तथा स्थानीय जनसमूह उपस्थित रहे।
