देहरादून: हर्षिता।उत्तराखंड में इन दिनों संतों का जमावड़ा लगा हुआ है. ये सभी संत प्रसिद्ध कथा वाचक धीरेन्द्र शास्त्री और प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में शामिल हो रहे हैं. आज उत्तरकाशी के गंगनानी से सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का शुरुआत हो चुकी है. सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत के बाद कई संतों ने सीएम धामी से मुलाकात की.

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी संतों का स्वागत किया साथ ही उनका आशीर्वाद लिया. देशभर के प्रमुख संतों ने मुख्यमंत्री धामी को देवभूमि का धर्मरक्षक बताया. साथ ही संत समाज ने मुख्यमंत्री धामी के धर्म- संरक्षण और विकास कार्यों की प्रशंसा भी की. यही नहीं, संत समाज ने धर्मांतरण, लव जिहाद और लैंड जिहाद पर राज्य सरकार की ओर से लगातार की जा रही सख्त कार्रवाई के पहल की भी सराहना की.

साथ ही संतों ने कहा कि धामी ने देवभूमि की सनातन आत्मा को सुरक्षित किया है. धामी का नेतृत्व देवभूमि की अस्मिता और सनातन परंपरा की रक्षा का प्रतीक बना है. इसके साथ ही सीएम पुष्कर सिंह धामी, धर्म और संस्कृति के सच्चे पुरोधा हैं.

वही, सभी संतों ने मुख्यमंत्री को रजत जयंती वर्ष की शुभकामनाए देते हुए राज्य के सांस्कृतिक सम्मान और अध्यात्मिक धरोहर संरक्षण को लेकर उनके समर्पण की सराहना की. संतों ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान, आध्यात्मिक परंपरा और सामाजिक समरसता को मजबूत करने वाला नेतृत्व प्रदान किया है. उनके प्रयासों से देवभूमि की मूल आत्मा और सनातन विरासत सुरक्षित और सुदृढ़ हुई है. राज्य सरकार की उन नीतियों की भी सराहना की जिनसे सामाजिक-सांस्कृतिक अनुशासन, धार्मिक स्थलों का संरक्षण, आध्यात्मिक पर्यटन विकास तथा परंपरा-संरक्षण को नया आयाम मिला है।

संत समाज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को आशीर्वाद देते हुए कहा हरिद्वार कुम्भ-2027 को भव्य, दिव्य और विश्व-स्तरीय आयोजन के रूप में स्थापित करने के लिए वे सरकार के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर कार्य करेंगे. संतों ने कहा कुम्भ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सनातन परंपरा, भारतीय संस्कृति और वैश्विक आध्यात्मिक चेतना का महासंगम है, जिसे ऐतिहासिक स्वरूप देना हम सबकी सामूहिक ज़िम्मेदारी है. कुम्भ की तैयारी के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं. यातायात, अधोसंरचना, घाटों का सौंदर्यीकरण, सुरक्षा व्यवस्थाएँ, स्वच्छता और तीर्थ विकास जैसे क्षेत्रों में जो योजनाएँ बन रही हैं, वे आने वाले सालों में हरिद्वार को विश्व आध्यात्मिक धरोहर केंद्र के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित करेंगी.

संत समाज ने आश्वस्त किया कि, हम सभी संत-महात्मा, अखाड़े और धर्म संस्थान एक परिवार की तरह एकजुट होकर कुम्भ की सफलता के लिए निरंतर योगदान देंगे. कुम्भ के आयोजन में चाहे आध्यात्मिक मार्गदर्शन हो या जन-आस्था का प्रबंधन, हर मोर्चे पर हमारा सहयोग निरंतर रहेगा. संत समाज ने ये भी कहा कि उत्तराखंड आज तेजी से वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र और शांति-स्थल के रूप में उभर रहा है, जिसका श्रेय राज्य सरकार की सांस्कृतिक दृष्टि और दूरदर्शी नेतृत्व को है.

मुख्यमंत्री आवास में आध्यात्मिक संगम में जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वर महाराज, आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती,अखाड़ा परिषद अध्यक्ष स्वामी रविंद्रपुरी महाराज, बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, पतंजलि योगपीठ के आचार्य बालकृष्ण, प्रसिद्ध आध्यात्मिक वक्ता जया किशोरी, चिंतक और लेखक डॉ. कुमार विश्वास समेत तमाम संत-महात्मा और धर्माचार्य शामिल रहे.

By DTI