हरिद्वार,गगन नामदेव।महाशिवरात्रि यानी भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का दिवस, अर्थात भगवान शिव का दिन और महाशिवरात्रि पर भक्तों का शिवालयों व मंदिरों में उमड़ना भी स्वाभाविक है। भोले शंकर की ससुराल दक्ष नगरी कनखल में महाशिवरात्रि की धूम है।
कनखल में भगवान शिव की ससुराल पौराणिक दक्षेश्वर प्रजापति महादेव मंदिर और हरिद्वार के अन्य सभी शिवालयों में हजारों शिव भक्त भगवान शंकर का जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। कोरोना संक्रमण का असर भी कुछ कम हुआ है और इसी के चलते आज प्रातः काल से ही शिव का जलाभिषेक करने के लिए भक्तो का शिवालयों में ताता लगा हुआ है ।
ऐसे में ही तीर्थ नगरी,धर्म नगरी हरिद्वार में मनसा देवी की पहाड़ियों के निकट सिद्ध पीठ बिल्केश्वर महादेव मंदिर स्थित हैं जहां प्रातः काल से ही जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है,यहाँ आने वाले भक्तजनों,श्रद्धालुओं ने आज यहाँ के बड़े महाराज बलबीर गिरी महाराज की अनुपस्थिति को बहुत अधिक मिस किया , क्योंकि वह अब प्रयागराज स्थित बाघम्बरी गद्दी पीठ,लेटे हुए बड़े हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर हैं उनके यहाँ उपस्थित होने से आज के दिन के कार्यक्रम में अत्यधिक दिव्यता व भव्यता दिखाई देती थीं, मंदिर के मुख्य पुजारी पुनीत पुरी महाराज का कहना है कि महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव का विवाह फागुन मास की चतुर्दशी तिथि को हुआ था इसी शब्द का अपभ्रंश हो गया है और शिवरात्रि हो गया है शुद्ध शब्द है शिव विवाह रात्रि आज ही के दिन भगवान शिव का इस सृष्टि मे प्रथम विवाह सती के साथ में हुआ था वही पद्धति हम आप सब धर्म हिंदू धर्मालंबी व सभी धर्मों के धर्मावलंबी उसी पद्धति के अनुसार विवाह करते हैं क्योंकि सृष्टि में सर्वप्रथम विवाह भगवान शिव का हुआ था सृष्टि में जैसे शिव है वैसे ही यह सृष्टि हैं भगवान शिव की यहाँ कनखल में ससुराल है यही भगवान शिव का सती से दुनिया का प्रथम विवाह हुआ था इस
पाणिग्रहण संस्कार के उपलक्ष में उसकी खुशियों के रूप में भगवान शिव का शुभ विवाह रात्रि को शिवरात्रि के पर्व के रूप में मनाया जाता है यहां भगवान शिव के जलाभिषेक का अत्यधिक महत्व है लोग अपनी श्रद्धा अनुसार गंगाजल ,दूध इत्यादि भगवान शिव को अर्पण करते हैं पंचामृत शहद इत्यादि सभी भगवान का पंचामृत से स्नान कराया जाता है बिल्व पत्र, पुष्प व मिष्ठान जो भी आपकी श्रद्धा है उसके अनुसार आप भगवान को अर्पित करें ,हां मेरा भी अनुभव है कि भगवान शिव यहां भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
पुनीत पूरी महाराज ने बताया कि बिल्केश्वर महादेव मंदिर को भव्य पुष्पों व लाइटिंग आदि से सजाया गया है , महाशिवरात्रि के दिन जलाभिषेक का विशेष महत्व है ! यही कारण है की शिवालयों पर स्थानीय ही नहीं बल्कि दूर दराज से भी श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं । इनका मानना है कि इस स्थान पर जलाभिषेक करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मन को शांति मिलती है और सभी मनोकामनाए पूरी होती है। भगवान शंकर यानि भगवान आशुतोष को जल्द ही प्रसन्न होने वाले भगवान के रूप में जाना जाता है।भोलेनाथ की इस महिमा से सभी प्रभावित है और शिवालय में आये सभी का प्रयास है कि वे भगवान को प्रसन्न कर सके ताकि उनकी मनोकामनाए पूरी हो सके महाशिवरात्रि पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है । इस अवसर पर पुजारी सुधीर पूरी,महेन्द्रपुरी,कौशल पूरी,सुरेंद्र पूरी,किशोर पूरी,सुरेश गिरी , भोला शर्मा, अंकित चौहान,दलसिंह ठाकुर,पंकज आदि सभी साधु संतो सहित बिल्केश्वर महादेव परिवार के सभी हजारों भक्त उपस्थित रहे !