लतीफपुरा में तोड़े गए घरों के परिवारों से एक बार भी मिलने नहीं पहुंचे क्या यही है आम आदमी पार्टी की सरकार
( परविंदर कौर)जालंधर के लतीफपुरा में प्रशासन द्वारा 70 साल से रहे लोगों को एक ही झटके में बेघर कर दिया गया और यहां तक भी नहीं सोचा गया कि घर टूटने के बाद यह लोग अपने परिवार लेकर कहां जाएंगे छोटे-छोटे बच्चे लेकर कहां जाएंगे चुनावों के दिनों में जो नेता हाथ जोड़कर लतीफ पूरा के लोगों से वोट मांग रहे थे अब वह कहीं नजर नहीं आए वही जालंधर में आम आदमी पार्टी के दो विधायक हैं उनमें से कोई भी पीड़ित परिवारों का हाल जानने नहीं पहुंचा पीड़ित परिवार रोते रहे गुहार लगाते रहे पर प्रशासन ने एक ना सुनी छोटे-छोटे बच्चे जिनके सामने उनके घर उजाड़ दिए गए उम्मीद की निगाहों से अब यह परिवार उम्मीद की नई किरण की राह देख रहे हैं वहीं लतीफपुरा में यह भी देखने को मिला कि पहले हर एक राजनीतिक पार्टी के नेता गहरी नींद में सोया हुआ था पर जैसे ही लतीफ पुरा में अमृतपाल सिंह खालसा पहुंचे तो सभी नेताओं को लतीफपुरा आने की याद आ गई और वही एक बात जो याद आती है जब कांग्रेस की सरकार थी वेस्ट हलके के विधायक सुशील रिंकू अपने ही मंत्री के सामने खड़े हो गए थे घरों को तब उन्होंने बचाया था और बेघर होने से लोगों को बचाया था पर आज आम आदमी पार्टी की सरकार जो कि खुद को यूं तो आम लोगों की सरकार कहते हैं पर इसी आम आदमी पार्टी की सरकार ने आम लोगों के ही घर उजाड़ दिए सत्ता के नशे में चूर आम आदमी पार्टी के नेता जिन्हें की आम लोगों के दुख दर्द से कोई मतलब ही नहीं उन्हें केवल मतलब है झूठ की राजनीति करने से और अपनी राजनीति चमकाने से और वही प्रदेश के मुख्यमंत्री जो कि यूं तो हर एक छोटी सी चीज करने को भी इतिहासिक फैसला बताकर बड़ी-बड़ी पोस्ट डालते हैं पर अब एक बयान तक नहीं आया पीड़ित परिवारों के लिए आज लतीफ पुरा के लोग कह रहे हैं कि इससे अच्छा तो कांग्रेस अकाली भाजपा की सरकार थी जिन्होंने कम से कम हमें बेघर तो नहीं किया था हमारे बच्चों को सड़कों पर तो नहीं सुलाया था