नई दिल्‍ली,ऐएनआई। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों ने सरकार के साथ साथ चिकित्‍सा जगत की भी चिंता बढ़ा दी है। देश के दिग्‍गज चिकित्‍सा विशेषज्ञों ने बुधवार को कोरोना संक्रमण से बचने के अलावा संक्रमित मरीजों के लिए कई महत्‍वपूर्ण सुझाव दिए। विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना संक्रमण अब कोई अनजान बीमारी नहीं है। यह कॉमन संक्रमण बन चुकी है। इससे बचाव के उपाय ही इससे निपटने का मजबूत उपाय है। सही समय पर संक्रमण की पहचान हो जाना और इसका तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाना बेहद जरूरी है। बीमारी से बचाव के बारे में विशेषज्ञों ने सुझावों को आप भी जानें…

नारायणा हेल्थ के चेयर मैन डॉ. देवी शेट्टी ने बताया कि यदि आपको बदन दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे लक्षण हैं तो मेरा सुझाव है कि आपको तुरंत कोविड-19 की जांच करा लीजिए। यह बीमारी के इलाज में सबसे महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यदि आप एसिम्‍टोमेटिक हैं तो डॉक्टर आपको घर पर आइसोलेशन में रहने, मास्क पहनने और अपना ऑक्सीजन सैचुरेशन हर छह घंटे में चेक करने के लिए कहेंगे। यह कोरोना संक्रमण के इलाज में बेहद जरूरी है…

डॉ. शेट्टी ने यह भी कहा कि संक्रमण से पीड़ि‍त लोगों में यदि ऑक्‍सीजन का सैचुरेशन 94 फीसद से ऊपर है तो कोई समस्या नहीं है लेकिन यदि एक्सरसाइज के बाद यह गिर रहा है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि मरीज को सही समय पर इलाज उपलब्‍ध कराया जाए।
मेदांता अस्‍पताल के विशेषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्‍शन कोरोना के इलाज की रामबाण दवा नहीं है। देखा गया है कि केवल वायरल लोड को कम करने में मदद करती है। हर मरीज के लिए इसका इस्‍तेमाल जरूरी नहीं है। यह मृत्यु दर घटने वाली दवा भी नहीं है। उन्‍होंने यह भी कहा कि कोरोना संक्रमण में बेहद कम लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है। अस्पताल के बिस्तरों का इस्‍तेमाल जिम्मेदारी के साथ हो इसके लिए इसके लिए हमें अफरातफरी नहीं मचाना चाहिए।

वही एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एक देश के रूप में हम यदि एक साथ काम करते हैं तो हमें ऑक्सीजन और रेमेडिसवियर का विवेकपूर्ण इस्‍तेमाल करना होगा। ऐसा करने से कहीं भी किसी भी जरूरी दवा की कमी नहीं आने पाएगी। ऑक्सीजन एक उपचार है, यह एक दवा की तरह है… ऑक्सीजन को रुक रुक कर या असंगत रूप से लेना ऑक्सीजन का एक अपव्यय है। ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे पता चलता है कि यह आपकी किसी भी मदद का होगा। कोरोना संकट काल में आपको ऐसा नहीं करना चाहिए…

एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा कि कोरोना के खिलाफ टीकाकरण काफी मददगार है। वैक्सीन आपको बीमारी को गंभीर बीमारी के रूप में लेने से रोकता है। हालांकि वैक्‍सीन लेने के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बेहद जरूरी है। यह आपको संक्रमण होने से नहीं रोक सकता है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि कोविड वैक्‍सीन लेने के बाद भी हम संक्रमण के शिकार हो सकते हैं इसलिए वैक्सीन के बाद भी मास्क पहनना और दो गज की दूरी को बनाए रखना बहुत जरूरी है।
डॉ. नरेश त्रेहन ने यह भी बताया कि उनके साथ डॉक्‍टरों ने अब एक प्रोटोकॉल बनाया है कि रेमडेसिविर सभी संक्रमितों को नहीं दी जाएगी। इसका इस्‍तेमाल का सुझाव मरीजों के लक्षणों और संक्रमण की गंभीरता को देखने के बाद ही दिया जाएगा। सनद रहे बीते दिनों एम्‍स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी कहा था कि रेमेडिसवीर जादू की गोली नहीं है… ना ही यह मृत्यु दर घटने वाली दवा है। उन्‍होंने साफ कहा था कि हल्के लक्षणों वाले लोगों को समय से पहले दिए जाने पर इसका कोई फायदा नहीं है।

By DTI